सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (26 मई, 2025) को तलाक की प्रक्रिया से गुजर रहे कपल को ऐसी सलाह दी है, जो हर किसी के दिल को छू जाएगी. कोर्ट ने कपल से कहा कि वह कोर्टरूम के बाहर शांत माहौल में मतभेदों पर बात करें और उन्हें हल करने की कोशिश करें. साथ डिनर पर जाएं क्योंकि उनके मतभेदों का असर उनके तीन साल के बच्चे पर भी पड़ेगा.
यह मामला जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच के सामने लगा था. एक फैशन उद्यमी पत्नी ने तीन साल के बेटे को विदेश यात्रा पर ले जाने के लिए अनुमति मांगी थी. उनका तलाक का मामला पहले से ही चल रहा है और बेटे की कस्टडी को लेकर भी दोनों कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. कोर्ट ने चिंता जताई कि दंपति के बीच चल रहे इस विवाद का असर बच्चे पर भी पड़ेगा, जो उसके लिए ठीक नहीं है. कोर्ट ने कपल से भी इस पर ध्यान देने के लिए कहा क्योंकि ये बच्चे के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है.
बेंच ने कपल से कहा, ‘आपका तीन साल का बच्चा है. दोनों पक्षों के बीच अहंकार की क्या बात है? हमारी कैंटीन इसके लिए इतनी अच्छी नहीं हो सकती, लेकिन हम आपको एक और ड्रॉइंग रूम मुहैया करा देंगे. आज रात खाने पर मिलें. कॉफी पर बहुत कुछ बात बन सकती है.'
कोर्ट ने दंपति से कहा कि वे अतीत को कड़वी गोली की तरह निगल लें और भविष्य के बारे में सोचें. सुप्रीम कोर्ट ने सकारात्मक परिणाम की उम्मीद जताते हुए मामले की सुनवाई मंगलवार के लिए स्थगित कर दी. पीठ ने कहा, ‘हमने दोनों पक्षों को एक-दूसरे से बातचीत करने और कल अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है…'
कोर्ट ने दोनों को एक कंफर्टेबल माहौल देने के प्रयास के तहत कोर्ट की कैंटीन के खाने की क्वालिटी पर हल्के-फुल्के अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट की कैंटीन इसके लिए ठीक नहीं रहेगी इसलिए उन्होंने कपल को दूसरा विकल्प दिया कि वह दंपति के लिए किसी दूसरे ड्रॉइंग रूम की व्यवस्था कर सकते हैं. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें मतभेदों पर बात करने की बहुत ज्यादा जरूरत है ताकि उनका हल निकाला जा सके. उन्होंने फिर कहा कि वह आज रात को डिनर पर जाएं. कोर्ट ने कपल को एहसास दिलाया कि छोटे-छोटे प्रयास से काफी सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, जैसे सिर्फ कॉफी पर जाने से भी बात बन सकती है.
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