राजन गोसाईं | अमृतसर सरकारी मेडिकल कॉलेज के अधीन चल रहे जीएनडीएच में 7 जिलों से मरीज आते हैं। यहां कैंसर मरीजों के लिए 2022 में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की की अलग से बिल्डिंग तैयार हो चुकी है। कैंसर के इलाज के लिए बने इस ब्लाक में ओपीडी शुरू हो चुकी है मगर अभी तक पूरी सुविधाएं सुचारू रूप से तैयार न होने के चलते सर्जरी और कीमोथैरेपी शुरू नहीं हो पाई है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव देवगन ने कहा कि मशीनरी और ऑपरेशन थिएटर के अलावा अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो रहा है। जल्द ही सर्जरी भी शुरू हो जाएगी। डॉ. राजीव देवगन ने कहा कि मेडिकल कालेज के साथ-साथ गुरु नानक देव अस्पताल में लोगों को सेहत सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस समय गुरु नानक देव अस्पताल में डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है। लेकिन सुपर स्पेशलिस्टों की कमी जरूर खल रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि कैंसर, न्यूरो सर्जरी, हेड एंड नेक सर्जरी, न्यूटोतोजी, एनोक्रोनालाजी आदि के स्पेशलिस्ट मौजूद हैं। जीएसी के डायरेक्टर प्रिंसिपल राजीव देवगन ने बताया कि कैंसर के इलाज के लिए 120 करोड़ रुपए से बने अलग ब्लॉक में ओपीडी शुरू हो चुकी है। जब तक यहां पूरी सुविधाएं सुचारू रूप से तैयार नहीं हो जाती और इंस्टालेशन करने वालों के अलावा इंजीनियरों की क्लीयरेंस नहीं मिल जाती, तब तक यहां पर सर्जरी और कीमोथैरेपी जैसे इलाज संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस ब्लॉक में सर्जरी के अलावा कीमोथैरेपी, टेस्ट और अन्य सुविधाओं की शुरूआत हो जाएगी। कैंसर के मरीजों के लिए न्यूक्लियर मेडिसन टेस्ट बहुत आवश्यक होता है। इससे पता चलता है कि कैंसर शरीर के किन भागों में फैला है व कहां फैलने की संभावना है। केवल न्यूक्लियर मेडिसिन (गामा स्कैनिंग) के जरिए ही पूरे शरीर में कैंसर की सही स्थिति, ट्यूमर की गंभीरता व उसके दुष्प्रभाव की जांच संभव है। उन्होंने बताया कि इस समय गुरु नानक देव अस्पताल में जन औषधि के जरिए मरीजों को सस्ती और मुफ्त दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। लेकिन यदि किसी का ऑपरेशन होता है, तो जन औषधि और पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन से जो दवाई मुहैया नहीं हो पाती, उस दवाई को ही बाजार से मंगवाया जाता है। इसके अलावा आयुष्मान स्कीम के तहत भी मरीजों की काफी सर्जरी पैकेज के जरिए की जा रही हैं।
तीन साल से स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में सर्जरी शुरू होने का इंतजार
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