बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का विपक्षी दल विरोध कर रहा है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव इसको लेकर लगातार मॉनसून सत्र में आवाज उठा रहे हैं. इस पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने यह कह दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का विकल्प उनके पास खुला है. ऐसे में सवाल उठता है कि महागठबंधन के सहयोगी दल क्या तेजस्वी यादव के साथ होंगे? उनका स्टैंड क्या होगा?
‘अभी हम कैसे कह सकते हैं…’
तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार वाले बयान पर भाकपा (माले) विधायक अजीत कुशवाहा ने कहा, “…बहिष्कार को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. विचार-विमर्श होगा. अभी हम कैसे कह सकते हैं कि हम बहिष्कार करेंगे? लेकिन हां, यह जरूर है कि हमारे मतदाताओं और उनके नाम पर खतरा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम इस दिशा में जरूर विचार करेंगे.”
कुछ भी फैसला हो सकता है: कांग्रेस
चुनाव बहिष्कार संबंधी बयान पर माकपा विधायक अजय कुमार ने कहा, “…अगर कोई फैसला लेना होगा तो हम (महागठबंधन) लेंगे, यह समय बताएगा.” कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि कांग्रेस ने अभी तय नहीं किया है. तेजस्वी यादव आरजेडी के नेता हैं, महागठबंधन के नेता हैं, विपक्ष के नेता हैं, उनकी बात को ध्यान देना पड़ेगा क्योंकि मामला गंभीर है. जिस तरह से चुनाव आयोग की धांधली चल रही है उसको देखते हुए कुछ भी फैसला हो सकता है.
क्या बोले अखिलेश प्रसाद सिंह?
उधर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि हम लोग वोटर लिस्ट में सुधार चाहते हैं. जो वोटर लिस्ट पहले से है उसी पर हम लोग चुनाव चाहते हैं. क्योंकि ऐसे चुनाव का मतलब क्या है? तेजस्वी के बयान पर कहा कि उन्होंने गुस्सा और आक्रोश में बयान दिया. जिस तरह से बिहार के लोगों को वोटिंग राइट से वंचित किया जा रहा है तो उस पर गुस्सा आक्रोश स्वाभाविक है. बीजेपी को छोड़कर बाकी सभी लोग चाहते हैं कि एसआईआर पर अविलंब चर्चा कराई जाए.
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