महाराष्ट्र के रेवेन्यू मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की ओर से तेलंगाना के 14 गांवों को महाराष्ट्र में विलय करने की घोषणा के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. इसके बाद राजनीतिक दलों में खलबली मच गई है. खुद तेलंगाना भाजपा, महाराष्ट्र के इस फैसले से नाखुश है.
तेलंगाना भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता एन.वी. सुभाष ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र को तेलंगाना के 14 सीमावर्ती गांवों को अपने क्षेत्र में मिलाने के विवादास्पद प्रस्ताव पर स्पष्ट और निष्पक्ष रुख अपनाने की सलाह दी है.
तेलंगाना सरकार करे क्षेत्रीय अखंडता के हितों की रक्षा
एबीपी से बातचीत करते हुए भाजपा तेलंगाना के मुख्य प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी एन.वी. सुभाष ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार का इन गांवों को विलय करने का इरादा एक गंभीर मुद्दा है. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह सार्वजनिक रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट करें और तेलंगाना की क्षेत्रीय अखंडता के हितों की रक्षा करें.’
यह बयान महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की बुधवार (16 जुलाई, 2025) की टिप्पणी के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने तेलंगाना-महाराष्ट्र सीमा पर स्थित 14 गांवों के विलय की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बावनकुले ने आगे कहा कि महाराष्ट्र के पास इन गांवों के राजस्व रिकॉर्ड हैं और उन्होंने दावा किया कि ये गांव महाराष्ट्र के मतदाता हैं.
तेलंगाना सीएम महाराष्ट्र सरकार से करें बात
इन दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए सुभाष ने कहा, ‘महाराष्ट्र की ओर से किए गए दावे भले ही दस्तावेजों में दर्ज हों, फिर भी तेलंगाना सरकार का यह कर्तव्य है कि वह इन दावों की वैधता की जांच करे, महाराष्ट्र प्रशासन के साथ बातचीत शुरू करे और सबसे महत्वपूर्ण बात, स्थानीय लोगों की राय को ध्यान में रखे.’
क्या है लोगों की प्रतिक्रिया?
आसिफाबाद जिले के निवासी भी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के इस बयान से नाराज हैं. उनका कहना है कि वह कई सालों से तेलंगाना में हैं और अब भी उनका यहीं रहने का इरादा है. आसिफाबाद जिले के जिस गांव के महाराष्ट्र में विलय होने की संभावना है, वहां के निवासी हरिदास मोतीराम पेकतिंग का कहना है कि हम तेलंगाना राज्य में ही रहेंगे, हमारा महाराष्ट्र से कोई संबंध नहीं है.
आसिफाबाद जिले के लोगों ने स्पष्ट किया है कि उनका महाराष्ट्र से कोई संबंध नहीं है और वे तेलंगाना में ही रहेंगे. ग्रामीणों का कहना है कि उनका आधार कार्ड, राशन कार्ड और मतदान का अधिकार सब तेलंगाना में है तो महाराष्ट्र जाने का सवाल ही नहीं उठता.
तेलंगाना कांग्रेस नेता ने कही ये बात
आसिफाबाद के कांग्रेस नेता एम के आरिफुद्दीन ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि तेलंगाना की जनता की राय जाने बिना उन पर फैसला थोपना भाजपा की पुरानी आदत है, लेकिन कांग्रेस जनता की सरकार है. इसलिए उनकी राय जाने बिना सरकार इस मामले में मुझे कोई फैसला खुद से नहीं लेगी.
उन्होंने बताया कि हमारे लिए जनता की राय सबसे अहम है और गांव की जनता भी तेलंगाना में ही रहना चाहती है. हम उनके फैसले को ही महत्व देंगे और मुख्यमंत्री से बात करके उनके यहीं बसे रहने की सुविधा करेंगे.
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