थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, भारत सरकार ने थाईलैंड में रह रहे या वहां यात्रा की योजना बना रहे भारतीयों के लिए चेतावनी जारी की है. 25 जुलाई को बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास ने एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की, जिसमें सात संवेदनशील प्रांतों में यात्रा न करने की अपील की गई है.
दूतावास ने कहा, थाईलैंड-कंबोडिया सीमा के पास की स्थिति को देखते हुए, सभी भारतीय यात्रियों को थाईलैंड की आधिकारिक एजेंसियों, जैसे TAT न्यूज रूम से अपडेट प्राप्त करने की सलाह दी जाती है.
इन 7 प्रांतों में न जाएंथाईलैंड की टूरिज्म अथॉरिटी (TAT) और भारतीय दूतावास ने इन 7 प्रांतों को जोखिमपूर्ण बताया है और वहां यात्रा से परहेज करने को कहा है. इनमें शामिल हैं- उबोन रत्चाथानी (Ubon Ratchathani), सुरिन (Surin), सिसाकेत (Sisaket), बुरीराम (Buriram), सा काओ (Sa Kaeo), चांथाबुरी (Chanthaburi), त्राट (Trat).TAT ने भी X पर पोस्ट कर कहा है कि थाई-कंबोडिया सीमा पर जारी अशांति के कारण, इन 7 प्रांतों में कई पर्यटन स्थल अब यात्रा के लिए ठीक नहीं हैं.
हाई-टेंशन ज़ोन खाली कराए गएसीमा से लगे 40 किलोमीटर क्षेत्र में तनाव बहुत अधिक है. इन इलाकों से निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. उबोन रत्चाथानी के नाम यूएन जिले के रास्ते अब सुनसान दिखाई देते हैं. लोगों की आवाजाही बहुत कम हो गई है. सीमा के पास जारी झड़पों को देखते हुए थाई सेना ने लोगों से वहां न जाने की अपील की है.
घायलों की जानकारीथाईलैंड के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय के डिप्टी प्रवक्ता के अनुसार, अब तक 14 थाई नागरिक मारे गए हैं और 46 घायल हुए हैं. वहीं, कंबोडिया ने अपने हताहतों की जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की है, जैसा कि शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने गुरुवार शाम को रिपोर्ट किया.
मानवीय संकट: 1 लाख से अधिक लोग विस्थापितसीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष शुरू होने के सिर्फ दो दिनों में 1 लाख से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं. थाईलैंड के गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि गुरुवार रात तक 1 लाख थाई नागरिकों को अस्थायी शिविरों में भेजा गया है. कंबोडिया के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, ऑडर मीन्चे प्रांत के सीमा गांवों से करीब 4,000 लोग विस्थापित हुए हैं.
कूटनीतिक समाधान की पेशकशथाईलैंड ने शुक्रवार को कंबोडिया के साथ राजनयिक वार्ता या युद्धविराम के लिए मलेशिया की मध्यस्थता से सहमत होने की इच्छा जताई है. थाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निकोरंदेज ने कहा,’हम तैयार हैं, यदि कंबोडिया राजनयिक चैनलों या मलेशिया की मध्यस्थता के ज़रिए समाधान चाहता है. लेकिन अब तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है.’
गौरतलब है कि मलेशिया इस समय ASEAN (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) की अध्यक्षता कर रहा है, जिसके थाईलैंड और कंबोडिया दोनों सदस्य हैं.
थाईलैंड-कंबोडिया में छिड़ी जंग, भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी, इन 7 प्रांतों में यात्रा से किया मना
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