तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर आज पूरा शहर उत्सव के रंग में रंगा हुआ है। मुख्य तिब्बती मंदिर में आयोजित विशेष दीर्घायु प्रार्थना समारोह में दलाई लामा ने मानवता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने की प्रतिज्ञा दोहराई और जीवन भर प्रतिबद्ध रहने की शपथ ली। मुख्य तिब्बती मंदिर में धोमी समुदाय द्वारा आयोजित विशेष धार्मिक आयोजन में दुनियाभर से अनेक धर्मों के प्रतिनिधियों और प्रमुख तिब्बती आध्यात्मिक नेताओं ने भाग लिया। दलाई लामा ने कहा कि मैं 90 साल का हूं, लेकिन मैं शारीरिक रूप से स्वस्थ महसूस करता हूं। मैंने दुनिया भर की यात्रा की है, जहां लोगों ने मुझे प्रेम और सम्मान दिया है। अब मैं अपना शेष जीवन अधिक से अधिक लोगों के कल्याण के लिए समर्पित करना चाहता हूं। उन्होंने दशकों पुरानी ‘दलाई लामा संस्था’ के भविष्य की ओर भी संकेत किया और कहा कि यह संस्था आगे भी मानवता की सेवा के मार्ग को निरंतर बनाए रखेगी। आध्यात्मिक गुरुओं और धर्मों की एकजुटता
इस ऐतिहासिक अवसर पर बौद्ध धर्म की प्रमुख शाखाओं के प्रतिनिधि – 105वें गदेन त्रिपा जेत्सुन लोबसंग दोरजे पाल सांगपो, साक्य गोंगमा त्रिचेन, साक्य त्रिज़िन ज्ञान वज्र रिनपोछे, और अन्य वरिष्ठ गुरु विशेष रूप से धर्मशाला पहुंचे। समारोह में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बहाई और यहूदी धर्मों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। समारोह के दौरान कीर्ति रिनपोछे ने तीन पारंपरिक तिब्बती प्रांतों की ओर से दलाई लामा को “21वीं सदी के अद्वितीय आध्यात्मिक गुरु” की उपाधि से नवाजा। उन्हें यह सम्मान अहिंसा, अंतरधार्मिक समरसता और वैश्विक शांति के प्रति उनके अमिट योगदान के लिए प्रदान किया गया। 100वां जन्मदिन स्वतंत्र तिब्बत में
धोमी समुदाय की ओर से आयोजन समिति के अध्यक्ष थुबटेन लुंग्रिग ने परमपावन का धन्यवाद किया और याद दिलाया कि दलाई लामा ने 80वें जन्मदिन पर अगला बड़ा उत्सव 90वें पर मनाने का आग्रह किया था। उन्होंने भावुक अपील करते हुए कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि परम पावन पुनर्जन्म लेते रहें और आपका 100वां जन्मदिन एक स्वतंत्र तिब्बत में मनाया जाए।
दलाई लामा का 90वां जन्मदिवस:बोले- पूरी तरह स्वस्थ, मानवता की सेवा का संकल्प लिया; समुदाय ने कहा-तिब्बत में मनाएंगे 100वां जन्मदिन
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