चरखी दादरी इस सप्ताह व बीते सप्ताह हुई तेज बारिश के कारण ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में कई स्थानों पर जलभराव होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि बुधवार को दिनभर बादल अवश्य छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी को छोड़ दे तो अधिक बारिश देखने को नहीं मिली। लेकिन पहले से हुई बरसात के कारण हुए जलभराव से लोग जूझ रहे हैं। जिले के गांव रानीला के समीप बास माइनर टूट गई जिससे खेतों में जलभराव हो गया। वहीं बरसात के कारण जिले के किसान पूरी तरह से प्रभावित हैं और उनकी खरीफ फसलें बर्बादी की कगार पर पहुंच गई हैं। इतना ही नहीं किसानों को खेतों में हुए जलभराव के कारण रबी सीजन की फसलों की भी चिंता सताने लगी है। आज बारिश की संभावना
मौसम विभाग के पूर्व अनुमान के अनुसार आज दादरी जिले में बारिश की संभावना जताई गई है। जिले के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है लेकिन बारिश का अलर्ट नहीं हैं। वहीं कल शुक्रवार को जिले में कुछेक स्थानों पर हल्की बारिश को छोड़कर बरसात होने का अनुमान नहीं है। जिले में अब तक बरसात का आंकड़ा 500 एमएम को पार कर चुका है जिससे लोगों को लगातार परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। प्रशासन अलर्ट पर
बता दे कि चरखी दादरी जिले में इस मानसून सीजन अच्छी खासी बारिश हुई है। जिले में बारिश का आंकड़ा 528.9 एमएम तक पहुंच गया है। बुधवार को छोड़कर बीते तीन दिनों के दौरान हुई बारिश के बाद तो यहां स्थिति काफी खराब हुई और प्रशासन भी अलर्ट पर आ गया। इतना ही नहीं जिले के हालातों को देखते हुए बाढ़ नियंत्रण कक्ष तक स्थापित कर दिया गया। सड़कों, कॉलोनियों, सरकारी भवन परिसरों आदि स्थानों पर काफी मात्रा में जलभराव देखने को मिला और लोगों का घरों से निकलता मुश्किल हो गया। लोगों का कहना है कि लगातार घरों के समीप पानी जमा रहने से उनके मकान कंडम हो गए हैं और दरारें आ गई हैं। तेज बारिश के बाद बने विकट हालातों ने लोगों को 1995 की बाढ़ की याद दिला दी और उन्हें फिर से बाढ़ आने का खतरा सताने लगा। किसानों पर दोहरी मार
दादरी जिले में बरसात के कारण सबसे अधिक किसान प्रभावित हुए हैं। लगातार हो रही बरसात के कारण खरीफ सीजन की बाजरा,कपास, मूंग,ग्वार आदि काटी गई व खड़ी फसलें बर्बादी की कगार पर पहुंच चुकी है। किसानों का कहना है कि बाजरा,बिनौला, मूंग आदि में दाने का अंकुरण शुरू हो गया है जिससे फसल सौ फीसदी खत्म हो चुकी है। किसान रमेश, राजपाल, सुरेंद्र आदि ने बताया कि इस खरीफ सीजन की फसलें बारिश की भेंट चढ़ चुकी है वहीं खेतों में जलभराव होने के कारण रबी सीजन की फसलों की भी बीजाई संभव नहीं है जिससे उन्हें मौसम की दोहरी मार पड़ी है और काफी अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिले में सबसे अधिक की गई है बाजरा खेती चरखी दादरी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में कार्यरत वरिष्ठ कृषि विषय विशेषज्ञ डा. चंद्रभान श्योराण ने बताया कि जिले में खरीफ सीजन 2025 के अंतर्गत कुल 2 लाख 73 हजार एकड़ कृषि योग्य भूमि है। जिसमें से 1 लाख 40 हजार एकड़ में बाजरा, 50 हजार एकड़ में धान, 40 हजार एकड़ में कपास, 20 हजार एकड़ में ग्वार और 23 हजार एकड़ में मूंग, हरा चारा, सब्जी आदि अन्य फसलें लगाई गई है। बारिश से सभी फसल पूरी तरह से प्रभावित हैं और इनमें नुकसान हुआ है। सरकार ने नुकसान का ब्योरा दर्ज करवाने के लिए दादरी जिले के सभी गांवों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल 10 सितंबर तक खोला है। बास माइनर टूटी
जिले गांव रानीला के समीप बास माइनर टूट गई। किसानों के अनुसार माइनर ओवरफ्लो होकर टूट गई जिससे खेतों में जलभराव हो गया। बाद में किसानों ने इसकी सूचना सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी और पीछे से पानी को बंद करवाया। बुधवार शाम को विभाग द्वारा जेसीबी की सहायता से माइनर को पाटने का काम किया गया।
दादरी में माइनर टूटने से खेतों में पहुंचा पानी:किसानों को अगली फसल की भी सताने लगी चिंता,कल से बरसात में कमी
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