यूपी के देवबंद के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम प्रशासन ने एक बार फिर से संस्था में महिलाओं का प्रवेश वर्जित कर दिया है. प्रबंधतंत्र की ओर से संस्था के मुख्यद्वार पर लगाई गई बेरिकेड पर यह निर्देश लिखवाया गया है. इसके साथ ही संस्था के भीतर किसी भी प्रकार की वीडियो बनाने और फोटोग्राफी करने पर भी रोक लगा दी गई है.
मंगलवार को दारुल उलूम के गेट पर लगे बेरिकेट पर जरुरी निर्देश लिखवाए गए हैं. इसमें संस्था में महिलाओं के प्रवेश को पूरी तरह वर्जित है लिखा गया. इसकी वजह से दारुल उलूम को देखने आने वाली महिलाओं की ख्वाहिश को फिर से झटका लगा है. क्योंकि देश के कोने कोने से महिलाएं दारुल उलूम की ऐतिहासिक इमारत, एशिया के प्रसिद्ध मस्जिद रशीदिया और गोलाकार लाइब्रेरी को देखने के लिए यहां आती हैं.
वीडियो और फोटोग्राफी पर भी लगा प्रतिबंध इसके साथ ही संस्था की ओर से दारुल उलूम के भीतर किसी भी तरह की वीडियो बनाने और फोटोग्राफी करने, संस्था के भीतर गुटखा, तंबाकू खाकर थूकना और किसी भी प्रकार की नशीली चीजों का प्रयोग या उन्हें भीतर ले जाने की मनाही रहेगी. जबकि फूल पौधों को छूना या तोड़ना पर भी रोक रहेगी.
इसके साथ ही निर्देश में यह भी कहा गया है कि सूर्यास्त से पहले दारुल उलूम में आने वाले लोगों को संस्था परिसर से बाहर जाना होगा. प्रशासन के इस फैसले के बाद संस्था में महिलाओं के आने जाने पर प्रतिबंध के साथ किसी भी तरह की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है.
पहले भी लग चुका है प्रतिबंधबता दें इससे पहले भी महिलाओं की एंट्री पर रोक लगाई जा चुकी है. लेकिन प्रशासन कीतरफ से छह महीनों के अंदर कुछ शर्तों के साथ महिलाओं को परिसर में घुसने के इजाजत दे दी गई थी.शर्तों में महिलाओं की एंट्री के लिए गेट पर एक रजिस्टर रखवाया गया था.
फिलहाल दारुल उलूम प्रबंधन की तरफ से इस मामले पर बताया गया है कि महिलाओं ने इन शर्तों का पालन नहीं किया जिसकी वजह से एक बार फिर से महिलाओं को अंदर जाने के लिए बैन कर दिया गया है.
दारुल उलूम देवबंद में महिलाओं के प्रवेश पर रोक, प्रशासन ने संस्था के गेट पर लिखवाए निर्देश
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