जननायक जनता पार्टी (जजपा) के महासचिव दिग्विजय चौटाला ने चौ. देवीलाल यूनिवर्सटी (CDLU) में भर्तियों पर अनियमिताओं के आरोप लगाए और प्रो. नरसी राम बिश्नोई को वीसी के पद से हटाने की मांग की। मल्टीपर्पज हॉल का नाम सरदार प्रकाश सिंह बादल का बदलने का आरोप लगाया।
यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ने प्रो. नरसी राम को वीसी के पद से नहीं हटाया और नाम सरदार प्रकाश सिंह के नाम पर नहीं रखा तो आंदोलन को मजबूर होंगे। इसके लिए सीएम और राज्यपाल से मिलेंगे। यूनिवर्सिटी में भर्तियों की विजिलेंस से जांच की मांग करेंगे। यह बयान उन्होंने रविवार को सिरसा के चौटाला हाऊस में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में दिया।
दिग्विजय चौटाला बोले कि सीडीएलयू इस रिमोट एरिया में जीवन रेखा के सामान है। किसी जमाने में चौ. देवीलाल जी की सोच पर इसे लगाया था। इस अंतिम क्षेत्र में एजुकेशन को आगे कैसे बढ़ाया जाएं, युवाओं को दिशा और दशा कैसे दें। समय-समय पर सरकारें बदलती रही और समय-समय पर सरकारों ने इस यूनिवर्सिटी के प्रारूप को बदलने का काम किया। कभी इसे सही दिशा में बढ़ाया तो कभी इसे बदनीयती और अनियमिताओं में बढ़ाया गया। यहां पर लोगों का शोषण हुआ। टीचिंग-नॉन टीचिंग में बना भय का माहौल
दिग्विजय बोले कि जब से नई सरकार बनी, कुलपति का कार्यकाल खत्म हुआ है। शेष पड़ी हुई सीट गुजवि के वीसी प्रो. नरसी राम बिश्नोई को यहां लगाया गया। एक बड़ा भय का माहौल टीचिंग और नॉन टीचिंग में पैदा हुआ। दो वाक्य है। एक तो यूनिवर्सिटी में दो वार्डन है, जिनको क्वालिफिकेशन के आधार पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत लगाया गया था, उन दोनों को प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपनी ताकतों का गलत इस्तेमाल करके अपने पद से हटा दिया। कोई वजह नहीं बताई। वीसी के इस इलाके में बहुत रिश्तेदार
दिग्विजय बोले कि उनको इसलिए हटा दिया, क्योंकि प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने परिवार व सगे संबंधियों को यूनिवर्सिटी में उन पदों पर बैठा दिया। अजीब बात है कि वीसी ने दो नई टेंप्रेरी नियुक्तियां की। यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के विरोध में हैं और गैरकानूनी है। जब यह खेल सामने आया तो पता चला कि इस वीसी के इस इलाके में बहुत रिश्तेदार है।
सिक्योरिटी में तमाम कर्मचारियों को कांट्रेक्ट से हटाकर अपने रिश्तेदारों की नियुक्तियां शुरू कर दी। उन दोनों महिला कर्मियों को वार्डन के पद से हटाकर क्लर्क के पद पर लगा दिया, जबकि कौशल निगम के तहत वो वार्डन के तौर पर काम करेगी। प्रो. नरसी राम बिश्नोई को यहां पर कुछ समय के लिए चार्ज मिला है और एक सैंवधानिक पद का दुरुपयोग किया जा रहा है। पद से हटाया जाए वीसी को
दिग्विजय बोले कि हमारा प्रतिनिधिमंडल सरकार और राज्यपाल से मिलेगा और इसकी विजिलेंस से गहनता से जांच की मांग करेंगे। इसके लिए नरसी राम बिश्नोई को दंड दिया जाए। सरकार व राज्यपाल से मांग है कि इसे अपने पद से हटा दिया जाए और दोनों पद हटा दिए जाएं। अगर इस पर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो माननीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। कोर्ट के समक्ष यह बात रखेंगे। सरदार प्रकाश सिंह का नाम बदलना गहरी साजिश
दिग्विजय चौटाला बोले कि यूनिवर्सिटी में एक मल्टीपर्पज हॉल का नाम सरदार प्रकाश सिंह बादल के नाम पर रखा था। इसकी दुष्यंत चौटाला ने घोषणा की थी। जो किसानों के मसीहा और पंजाब प्रांत के सीएम भी रहे। मगर प्रो. नरसी राम ने नफरत के चलते उनके नाम को नहीं लगने दिया और आरएसएस की सोच पर चलते हुए उस हॉल का नाम वीर सांवरकर के नाम पर रख दिया। वीर सांवरकर के नाम से आपत्ति नहीं। मगर सरदार प्रकाश सिंह बादल के नाम को हटाया गया है। यह गहरी साजिश है। वीसी प्रो. नरसी पर कार्रवाई की मांग
दिग्विजय बोले कि सरकार व राज्यपाल से मांग है कि इन दोनों मामलों में नरसी राम पर कार्रवाई हो। अन्यथा हमारी पार्टी इस व्यक्ति के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। सरकार को चेतावनी देते हुए कि वह समय नहीं भूलना चाहिए। जब इन्होंने छात्र संघ की लड़ाई के लिए दरवाजों को बंद कर दिया। तब हम वो लोग है, जो पूर्व सीएम को छात्र संघ चुनाव मंजूर करवाने को मजबूर कर दिया था। वीर सांवरकर के बजाय सरदार प्रकाश सिंह बादल का ज्यादा योगदान दिग्विजय बोले कि जो केंद्र या यूजीसी के फंड से चल रही है, उन यूनिवर्सिटी में ऐसा गोरखधंधा नहीं चलने देंगे। मेरे पास उन सभी लोगों की लिस्ट है, जो उससे कैसे मिले। इसलिए अपनी हैसियत से बाहर आकर काम न करें। नरसी राम बिश्नोई और सरकार को चेताऊंगा कि इस यूनिवर्सिटी में सरदार बादल का ही नाम लगेगा। वीर सांवरकर का नाम कहीं और लिख लीजिए, कोई आपत्ति नहीं। अगर इस मल्टीपर्पज हॉल पर सरदार प्रकाश सिंह बादल का नाम नहीं लिखा गया तो हम खुद लिखने को मजबूर हो जाएंगे। इसे सरकार अन्यथा में ले। इसके पीछे गहरी साजिश है। इस मिट्टी पर वीर सांवरकर के बजाय सरदार प्रकाश सिंह बादल का ज्यादा योगदान है। ऐसा नहीं सहेंगे। सरकार अपनी फेलियर पर बात नहीं कर रही दिग्विजय चौटाला बोले कि सरकार का इंटिलिजेंस कितना फेलियर है या आमजन को सुरक्षा न देना कितना फेलियर है। उस पर यह बात नहीं करेंगे। राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा द्वारा पहलगाम अटैक पर महिलाओं पर दिए गए बयान पर कटाक्ष किया। हरियाणा सीएम व पार्टी अध्यक्ष से यहीं कहूंगा कि जिन बहनों के सुहाग उजड़े हैं, उन पर सवाल उठा रहे हैं। इस तरीके के सवाल करने वालों को दंड मिलना चाहिए। दंड माफी से नहीं, पार्टी और राज्यसभा सदस्य के पद से हटाया गया। हमें मजबूर ना करें, वरना राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा को माफी मांगनी पड़ेगी।
दिग्विजय की प्रो. नरसी को CDLU से हटाने की चेतावनी:चौटाला बोले, वार्डन-सिक्योरिटी में रिश्तेदारों को लगाया, सरदार बादल का नाम बदला
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