Delhi Sealing News Today: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने बीजेपी शासित नगर निगम सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि शहरीकृत गांवों में छोटे उद्योगों को लाइसेंस के नाम पर परेशान किया जा रहा है. यह मामला जबरन वसूली का रूप ले चुका है. बीजेपी की तीन इंजन की नगर निगम सरकार व्यापारियों को नोटिस भेज रही है. एमसीडी वाले नोटिस की आड़ में तय फीस से कहीं अधिक अवैध उगाही कर रहे हैं.
देवेन्द्र यादव ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब बीजेपी शहरीकृत गांवों के व्यापारियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है. 27 साल पहले भी बीजेपी ने सत्ता में रहते हुए लाइसेंस राज थोपकर ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे कारोबारियों को परेशान किया था. अब वही कहानी दोहराई जा रही है.
वर्षों से नहीं बदली दिल्ली देहात की तस्वीर- देवेन्द्र यादव
दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर भी कांग्रेस अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “पिछले 12 वर्षों में दिल्ली देहात की तस्वीर नहीं बदली. नाली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी यहां उपलब्ध नहीं हैं.”
’लाईसेंस की आड़ में गांव वालों को परेशान करने का खेल’
देवेन्द्र यादव ने कहा कि सरकारों ने इन्हीं गांव के लोगों से कौड़ियों के दामों में भूमि अधिग्रहण की थी. पहले की सरकारों ने लाल डोरे की सीमाओं के भीतर ग्रामीणों को अपने व्यवसाय चलाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब बीजेपी सरकार उस पर भी अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है.
’शहरीकृत गांव वालों को सता रहा सीलिंग का डर'
पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी की सरकार की आलोचना करते हुए यादव ने कहा कि 318 गांवों के विकास की जो परियोजनाएं प्रचारित की गई थीं, वे सिर्फ चुनावी जुमले साबित हुईं. बीजेपी की मौजूदा रेखा गुप्ता सरकार ने भी चुनाव के समय शहरीकृत गांव की बाते की थी लेकिन अब शहरीकृत गांव में लाईसेंस की आड़ में सीलिंग का डर सता रहा है.
उन्होंने बीजेपी सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान बीजेपी ने कहा था कि जहां झुग्गी वहीं घर. क्या बीजेपी झुग्गीवालों को उजाड़कर और गांवों को बर्बाद करके विकसित दिल्ली का निर्माण करना चाहती है?