दिल्ली के सुल्तानपुरी में DUSIB फ्लैट्स पहुंचीं CM रेखा गुप्ता, जल्द शुरू हो सकता है पुनर्निर्माण कार्य

by Carbonmedia
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दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में उस समय हलचल सी मच गई, जब सीएम रेखा गुप्ता का काफिला अचानक ही मंत्री-सांसद के साथ उन DUSIB फ्लैट्स का निरीक्षण करने पहुंचा, जो एक दशक से भी ज्यादा समय से बनने के बाद से अलॉट किए जाने की बाट जोह रहा था.
अचानक मंत्रियों और अफसरों की आवाजाही से सालो से वीरान और जर्जर पड़े इन फ्लैटों में अब उन जरूरतमंदों को बसाए जाने की उम्मीद एक बार फिर से जग गई है, जिनके लिए इन 50 हजार फ्लैट्स को बनाया गया था.
पिछली सरकारों के प्रति जाहिर की नाराजगी
इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ शहरी विकास मंत्री आशीष सूद और सांसद योगेंद्र चंदोलिया भी मौके पर मौजूद थे. निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मीडिया से बातचीत की, जिसमें उनकी आवाज में पिछली सरकारों की बेपरवाही के प्रति नाराजगी के साथ इन जर्जर फ्लैट को घर बनाने का संकल्प भी महसूस हुआ.
उन्होंने कहा, इन फ्लैटों पर न जाने कितने परिवारों की उम्मीदें टिकी थीं, लेकिन राजनीतिक इच्छा-शक्ति की कमी ने इन्हें बेकार कर दिया. अब इन्हें फिर से बसाने में करोड़ों खर्च होंगे.
झुग्गी वासियों को वैकल्पिक मकान मिलने तक नहीं किया जाएगा बेघर: सीएम
इस मौके पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार किसी भी झुग्गी को तब तक नहीं तोड़ेगी, जब तक वहां रहने वाले लोगों को वैकल्पिक मकान नहीं दे दिए जाते. सीएम ने कहा कि उनकी सरकार नहीं चाहती कि किसी मां की चीख उनके कानों तक पहुंचे, किसी बच्चे का डर उनकी नींद न उड़ाए.
उन्होंने कहा कि वे गरीबों को न सिर्फ मकान देने के लिए संकल्पित हैं, बल्कि एक सुरक्षित जीवन देना भी उनकी प्राथमिकता है, जिसमें शौचालय, स्नानघर, बिजली-पानी की व्यवस्था और बच्चों के खेलने के लिए पार्क की सुविधा भी शामिल है.
मुख्यमंत्री ने विरोधियों ओर जमकर साधा निशाना
इस दौरान मुख्यमंत्री ने विरोधियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने सालों तक सिर्फ राजनीति की, लेकिन झुग्गीवासियों को एक छत तक देने की ईमानदार कोशिश नहीं की गई.
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आज जब झुग्गियां टूटती हैं, तो वे फोटो खिंचवाने आते हैं, लेकिन जब वे सरकार में थे, तब उन्होंने गरीबों को ये मकान क्यों नहीं दिए?
जारी हो सकता है पुनर्निर्माण का टेंडर
रेखा गुप्ता ने यह भी संकेत दिए कि रविवार को ही फ्लैट्स के रेनोवेशन के लिए टेंडर जारी किया जा सकता है. साथ ही यह भी ऐलान किया कि जरूरत पड़ी तो दिल्ली में 10 लाख से अधिक मकान बनाने की योजना पर भी काम शुरू होगा.
बता दें कि इन DUSIB डीडीए फ्लैट्स को 2011 में गरीब झुग्गीवासियों को एक सम्मानजनक जीवन देने के मकसद से बनाया गया था. लेकिन अरबों की लागत से गरीबों के आशियाने के लिए बनाए गए ये फ्लैट आज तक घर नहीं बन सके.
आज इनकी उखड़ी दीवारें, चरमराते दरवाजे और खिड़कियों से झांकता सन्नाटा, बीते लगभग एक दशक से सरकारों की बेपरवाही की दास्तां बयां कर रहा है.

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