दिल्ली के 56 सरकारी स्कूलों में मेंटर्स की तैनाती, कमजोर छात्रों पर रहेगा खास फोकस

by Carbonmedia
()

दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए एक और ठोस कदम उठाया है. राजधानी के 56 सरकारी स्कूलों में ऐसे वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो स्कूलों में मेंटर्स की भूमिका निभाएंगे. इन स्कूलों की पहचान इसलिए की गई है क्योंकि यहां कक्षा 9वीं और 11वीं में छात्रों का पास प्रतिशत 45% से भी कम रहा है.
दिल्ली के शिक्षा निदेशालय द्वारा लिया गया यह निर्णय सीधे तौर पर छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने की दिशा में एक गंभीर प्रयास है. ये मेंटर्स न केवल स्कूल का मार्गदर्शन करेंगे, बल्कि हर 15 दिन में एक बार स्कूल का दौरा भी करेंगे और अपने निरीक्षण की रिपोर्ट MIS पोर्टल पर अपलोड करेंगे.
मेंटर्स की भूमिका क्या होगी?
हर अधिकारी को एक-एक स्कूल सौंपा गया है, जहां वे 2025-26 शैक्षणिक सत्र तक नियमित रूप से निगरानी रखेंगे. उनकी रिपोर्ट में यह जानकारी शामिल होगी कि स्कूल में छात्रों की उपस्थिति कैसी है, शिक्षण की गुणवत्ता कैसी है, छात्र किस विषय में कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं, और टीचिंग-लर्निंग मटीरियल का इस्तेमाल कितना हो रहा है.
यह भी पढ़ें- M.Tech की पढ़ाई के लिए कितना मिल सकता है एजुकेशन लोन? जानिए EMI और आसान भुगतान का तरीका
मेंटर्स यह भी जांचेंगे कि शिक्षकों और छात्रों को शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे “मिशन मैथमैटिक्स” और “एनरिचमेंट क्लासेस” का वास्तविक लाभ मिल रहा है या नहीं. इनमें से कई स्कूलों में बेसिक गणित की समझ की गंभीर कमी देखी गई है, जिसे दूर करना अब प्राथमिकता है.
गणितीय कमजोरी पर सीधा वार
दिल्ली सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य कक्षा 6 से 10 के छात्रों में गणित को लेकर आत्मविश्वास और समझ विकसित करना है. “मिशन मैथमैटिक्स” के तहत कमजोर छात्रों को अलग से ध्यान देकर पढ़ाया जाता है ताकि वे बुनियादी गणनाओं को अच्छे से समझ सकें. अब मेंटर्स इन प्रयासों की प्रभावशीलता का आकलन भी करेंगे.
टीचर्स के लिए यह पहल एक सपोर्ट सिस्टम की तरह होगी, जहां उन्हें समस्या आने पर तुरंत सलाह या सहयोग मिल सकेगा.
जिला और जोनल अधिकारी भी होंगे एक्टिव
मेंटर्स की रिपोर्टों की समीक्षा जिला और जोनल शिक्षा अधिकारियों द्वारा की जाएगी. जरूरत पड़ने पर वे स्कूलों को अतिरिक्त संसाधन या सहायता उपलब्ध कराएंगे. यदि कोई स्कूल लगातार खराब प्रदर्शन करता है या सुधार नहीं दिखाता, तो उसकी जवाबदेही तय की जाएगी.
यह भी पढ़ें- PM YASASVI Scholarship 2025: अब नहीं रुकेगी पढ़ाई, प्रधानमंत्री यशस्वी स्कॉलरशिप दे रही ओबीसी छात्रों को पढ़ाई का मौका

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment