दिल्ली पुलिस के एक आधिकारिक पत्र का हवाला देते हुए टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने बांग्ला को बांग्लादेशी भाषा कहने का आरोप लगाया. उन्होंने इसे एक साजिश करार दिया. अब इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ‘बांग्ला’ को बांग्लादेशी भाषा कहना, पूरे बंगाल और भारत देश का अपमान है.
दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”बांग्ला भाषा को बांग्लादेशी भाषा कहना, पूरे बंगाल और भारत देश का अपमान है. अंग्रेजों से लड़ने वाले लाखों बंगला स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है. इसके ऊपर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए.” उन्होंने टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी के पोस्ट को भी टैग किया.
बंगला भाषा को बांग्लादेशी भाषा कहना, पूरे बंगाल और भारत देश का अपमान है। अंग्रेजों से लड़ने वाले लाखों बंगला स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। इसके ऊपर सख़्त कार्यवाही होनी चाहिए। https://t.co/2rUSPFVA5X
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) August 3, 2025
अभिषेक बनर्जी ने दिल्ली पुलिस की चिट्ठी से उठाया मुद्दा
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी ने दिल्ली पुलिस की ओर से जारी उस आधिकारिक चिट्ठी का जिक्र किया जिसमें बांग्ला को बांग्लादेशी भाषा लिखा गया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”पिछले कई महीनों से, बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, परेशान किया जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है.”
सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करने की कोशिश- अभिषेक बनर्जी
TMC नेता ने आगे लिखा, ”अब, एक चौंकाने वाली घटना में दिल्ली पुलिस ने एक आधिकारिक पत्र में बांग्ला को ‘बांग्लादेशी भाषा’ बताया है. यह सिर्फ एक लिपिकीय त्रुटि नहीं है, बल्कि संकीर्ण राजनीतिक प्रचार के लिए बंगाल को बदनाम करने, हमारी सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करने और पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश के बराबर बताने की बीजेपी की एक और सोची-समझी कोशिश है.”
‘बांग्लादेशी’ नाम की कोई भाषा नहीं- अभिषेक बनर्जी
अभिषेक बनर्जी ने ये भी लिखा, ”यह संविधान के अनुच्छेद 343 और आठवीं अनुसूची का सीधा उल्लंघन है. ‘बांग्लादेशी’ नाम की कोई भाषा नहीं है. बांग्ला को विदेशी भाषा कहना सिर्फ़ अपमान नहीं है, यह हमारी पहचान, संस्कृति और अपनेपन पर हमला है. बंगाली अपनी ही मातृभूमि में बाहरी नहीं हैं. इसलिए हम बीजेपी को बांग्ला विरोधी कहते हैं. वे भारत की विविधता का सम्मान नहीं करते. वे विभाजन पर फलते-फूलते हैं.
उन्होंने जांच अधिकारी अमित दत्त को तत्काल निलंबित करने और अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय से औपचारिक सार्वजनिक माफ़ी मांगने की मांग भी की.