राजधानी में कानून-व्यवस्था को बनाये रखने वाली दिल्ली पुलिस एक मामले को लेकर खुद ही कटघडे में खड़ी नजर आ रही है. पीड़ित के वकील सुमित चौहान ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि द्वारका जिले की सेशन कोर्ट ने एक सनसनीखेज फैसले में उत्तम नगर थाने के एसएचओ, एटीओ, ब्रेवो सहित कुल 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
आरोप है कि, उत्तम नगर पुलिस एक 20 वर्षीय स्टूडेंट को गलत तरीके से घर से उठा कर ले गयी और उसे बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के जेल भी भेज दिया गया.
राजधानी दिल्ली में आये दिन इस तरह के मामलें सामने आते ही रहते हैं लेकिन यह मामला जितना चौंकाने वाला है, उतना ही चिंता पैदा करने वाला भी है. कोर्ट का यह आदेश उस समय आया जब एक कॉलेज स्टूडेंट की ज़मानत याचिका पर सुनवाई चल रही थी, जिसे दिल्ली पुलिस ने एक रॉबरी केस में आरोपी बनाकर गलत तरीके से गिरफ्तार किया था. लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली जिसका खुलासा सीसीटीवी से हुआ.
सीसीटीवी फुटेज बना सबसे बड़ा सबूत
इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब स्टूडेंट के परिजनों ने कोर्ट में घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे का वीडियो पेश किया. वीडियो ने साफ-साफ दिख रहा है कि, पुलिसकर्मी 7 जुलाई की रात बिना किसी सर्च वारंट या कानूनी दस्तावेज के घर में दाखिल होते हैं और छात्र को जबरन उठाकर ले जाते हैं. जबकि 6 जुलाई की कथित लूट की वारदात की एफआईआर 8 जुलाई को दर्ज की गई थी. यानी पुलिस ने एफआईआर से एक दिन पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया. जिससे पुलिस की इस पूरी कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है.
कोर्ट ने माना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
पीड़ित पक्ष के वकील सुमित चौहान ने आगे बताया कि सेशंस कोर्ट ने पुलिस की इस कार्यप्रणाली को मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन माना और छात्र को तुरंत ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही, दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और संबंधित पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय की जाए. बहरहाल, इस पूरी घटना ने पुलिस की कार्य-प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
दिल्ली पुलिस के 8 पुलिसकर्मियों पर कोर्ट ने दिए जांच के आदेश, जानें क्या है पूरा मामला?
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