दिल्ली पुलिस ने इंटरस्टेट साइबर ठग गिरोह का किया भंडाफोड़, रिटायर BSNL अधिकारी से की 14 लाख की ठगी

by Carbonmedia
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Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक इंटर स्टेट साइबर ठग गैंग का पर्दाफाश करते हुए 2 आरोपियों को राजस्थान के बाड़मेर से अरेस्ट किया है. यह गैंग भोले-भाले लोगों को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर लाखों रुपये की ठगी कर रहा था. गैंग के जाल में फंसे एक रिटायर BSNL अधिकारी से 14 लाख रुपये की ठगी की गई.
दिल्ली के किशनगंज में रहने वाले कैलाश कुमार मीणा को एक व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया. कॉल करने वाले ने कैलाश मीणा से खुद को साइबर क्राइम मुंबई का अधिकारी बताया और कहा कि उनके बैंक खाते से साइबर ठगी हो रही है.  जिस वजह से उन्हें अरेस्ट किया जाएगा. घबराहट में पीड़ित ने कॉलर के कहे अनुसार अलग-अलग खातों में 14 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए.
BNS धारा 318(4) के तहत मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में BNS की धारा 318(4) के तहत मामला दर्ज किया. जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई. पुलिस टीम ने आरोपी के मोबाइल नंबर, बैंक ट्रांजैक्शन, ई-कॉमर्स और UPI ऐप्स की जांच कर डाटा इकट्ठा किया.
पुलिस इस मामले में लगातार मोबाइल सर्विलांस के तहत जांच में जुटी रही. लगातार तकनीकी निगरानी के बाद दिल्ली पुलिस की टीम को आरोपियों की लोकेशन राजस्थान के बाड़मेर में मिली. 15 जून 2025 को दिल्ली पुलिस ने छापे मारी कर बंसीलाल को गिरफ्तार किया. इसके बाद दिल्ली पुलिस की पूछताछ में उसके सहयोगी प्रेम कुमार का भी पता चला, जिसे उसी दिन उसके घर से अरेस्ट किया गया. 
मामले की जांच जारी
दिल्ली पुलिस की पूछताछ में आरोपी बंसीलाल ने बताया कि प्रेम कुमार ने उसे 8 हजार रुपये देकर एक बैंक अकाउंट खुलवाया था. इसके बाद उसका सारा नेट बैंकिंग एक्सेस भी ले लिया. आरोपी प्रेम कुमार ने  पुलिस की पूछताछ में माना कि उसने यह अकाउंट सतपाल बिश्नोई के नाम के एक व्यक्ति को 15 हजार रुपये में मुहैया कराया, जो ठगी की रकम इसी खाते में ट्रांसफर करवाता था. 
पुलिस की पूछताछ में आरोपी प्रेम कुमार ने खुलासा किया कि उसने अपने एक दूसरे साथी चीनू लाल के अकाउंट की जानकारी भी सतपाल को बेची थी. आरोपियों ने पहचान छुपाने के लिए ATM से पैसे नहीं निकाले, बल्कि चेक से नगदी निकल जाती थी ताकि CCTV कैमरे में पहचान ना हो सके. पुलिस के मुताबिक प्रेम कुमार इस पूरे गिरोह में बैंक खातों की व्यवस्था करने वाला मुख्य साजिशकर्ता है. मामले की आगे की जांच जारी है.

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