Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक बड़े ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग फ्रॉड का पर्दाफाश करते हुए 2 आरोपियों को यूपी के गोरखपुर से गिरफ्तार किया है . आरोपियों ने फर्जी ट्रेनिंग ऐप और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लोगों को निवेश के झांसे में लेकर करोड़ों रुपए की ठगी की.
दिल्ली पुलिस को शिकायतकर्ता से साढे़ आठ लाख की ठगी के बाद जांच में 10 करोड़ से अधिक के लेनदेन का पता चला. दिल्ली के शाहदरा में रहने वाले सचिन कुमार तोमर ने साइबर सेल में अपने साथ होने वाली ठगी की जानकारी दी.
सचिन ने बैंक अकाउंट में 8 लाख 15 हजार रुपये जमा किए
दिल्ली पुलिस में दर्ज शिकायत में सचिन कुमार तोमर ने कहा कि उन्हें व्हाट्सएप पर एक लड़की साक्षी यादव से बातचीत के दौरान एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया. बाद में उन्हें टोरो एनालिटिकल टीम एंड टाइम इज मनी नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल किया गया.
जो कथित रूप से साक्षी के चाचा और एक अन्य व्यक्ति राकेश के जरिए चलाया जाता था. सचिन ने ग्रुप में बताए गए बैंक अकाउंट में 8 लाख 15 हजार रुपये जमा किए जब उन्होंने मुनाफा निकालने की कोशिश की तो सभी ट्रांजैक्शन फेल हो गए और तभी उन्हें ठगी का एहसास हुआ. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में इस बात की शिकायत की.
अकाउंट बेटा चला रहा था
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ठगी गैंग का पर्दाफाश करने के लिए एक टीम का गठन किया. पुलिस की टीम की गई जांच में पाया गया कि 5 लाख 75 हजार रुपए आंध्र प्रदेश के केनरा बैंक खाते में जमा किए गए थे. जो बाद में एक्सिस बैंक के खाते में ट्रांसफर हुआ.
बैंक के जवाब में पाया गया कि एक्सिस बैंक का खाता SRG ट्री प्राइवेट लिमिटेड के नाम से था. जिसके मालिक शशि प्रताप सिंह और उनके पिता राम शंकर सिंह थे. पुलिस की पूछताछ में रामशंकर ने बताया कि अकाउंट उनका बेटा चला रहा था और उन्हें लेनदेन की जानकारी नहीं थी.
2 मोबाइल फोन और 3 सिम कार्ड बरामद
दिल्ली पुलिस की टीम ने शशि प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया और उनके पास से एक सैमसंग मोबाइल, एक सिम, 2 स्टांप और 2 प्रचार कार्ड बरामद किए. दिल्ली पुलिस की पूछताछ में शशि ने बताया कि एक अन्य आरोपी निहाल पांडे उन्हें नेपाल ले गया था, जहां 15 दिन होटल में रुककर अन्य 3 लड़कों के साथ उन्होंने ठगी की वारदात को अंजाम दिया .
पुलिस की टीम ने गोरखपुर से ही निहाल पांडे को भी गिरफ्तार किया, जिसके पास से आरोपी खाते की चेक बुक 2 मोबाइल फोन और 3 सिम कार्ड बरामद हुए. पुलिस की पूछताछ में निहाल ने खुलासा किया की एक अज्ञात व्यक्ति के कहने पर उसने शशि से बैंक अकाउंट और सिम लेकर उसे सौंप दिया.
10 करोड़ का लेनदेन इस फर्जीवाड़ी के जरिए किया गया
निहाल पांडे ने बताया हर लेनदेन पर शशि को डेढ़ परसेंट कमीशन देने का वादा करता था. एक दूसरे व्यक्ति ने शशि प्रताप को 8 से 10 लाख रुपए नगद भी दिए थे. आरोपियों ने माना की एक महीने में करीब 10 करोड़ का लेनदेन इस फर्जीवाड़ी के जरिए किया गया.
आरोपी सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफार्म पर खुद को ट्रेनिंग एक्सपर्ट बाताकर लोगों से संपर्क करते थे. वह पहले छोटे निवेश पर नकली मुनाफा दिखाकर भरोसा जीतते और फिर लाखों रुपए निवेश करने के बाद संपर्क तोड़ देते .
अन्य शामिल आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास तेज
इस काम के लिए वह अलग-अलग बैंक खातों की आवश्यकता होती थी जिसके लिए वह लोगों को पैसे का लालच देकर बैंक अकाउंट खुलवाकर अपने कब्जे में लेते थे. पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर एक दिन की पुलिस रिमांड ली है. आगे की जांच जारी है और अन्य शामिल आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं
दिल्ली पुलिस ने स्टॉक ट्रेडिंग स्कैम का किया पर्दाफाश,10 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का खुलासा
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