Delhi News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो गंभीर मामलों में सालों से फरार चल रहे एक कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी भरत उर्फ़ मोनू डकैती और फायरिंग से जुड़े दो मामलों में लगभग एक दशक से कानून की पकड़ से बचता रहा. गिरफ्तारी के वक्त वह गुरुग्राम के फरखनगर में एक फैक्ट्री में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, भरत पर पहला मामला 13 फरवरी 2012 को नजफगढ़ के थाने में दर्ज हुआ था. शिकायतकर्ता मुकेश नाम के एक मोबाइल डिस्ट्रीब्यूटर ने पुलिस को बताया कि जब वह रात करीब 10:30 बजे ऑफिस बंद कर घर लौट रहा था. तो मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने हथियार दिखाकर लूट लिया. जब उसके कर्मचारी मदद के लिए पहुंचे तो उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी गई.
वहीं दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी भरत पर दूसरा मामला जफरपुर कला में दर्ज है. जिसमें यह आरोप है कि भरत ने अपने साथी अनिल के साथ मिलकर मामूली विवाद के दौरान अपने पड़ोसी सुरेंद्र पर गोली चला दी थी. जिसमें उसके खिलाफ धारा 336/506 आईपीसी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ.
कोर्ट से घोषित अपराधी, बना सुरक्षा गार्डदिल्ली पुलिस के मुताबिक दोनों मामलों में भरत को अरेस्ट तो किया गया था. लेकिन बाद में जमानत मिलने के बाद वह कभी अदालत में पेश नहीं हुआ और लगातार फरार रहा. कोर्ट ने उसे प्रोक्लेमण्ड ऑफण्डर घोषित कर दिया था. आरोपी भरत फरारी के दौरान हरियाणा और दिल्ली में छिपता रहा और बाद में गुरुग्राम के जापानी फैक्ट्री में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर ली.
दिल्ली पुलिस ने रणनीति के तहत की कार्रवाईदिल्ली पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया. दिल्ली पुलिस को एक खुफिया सूचना जानकारी मिली कि भरत उर्फ मोनू गुरुग्राम के किसी औद्योगिक इलाके में काम कर रहा है. सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने 3 जुलाई को फरुखनगर इलाके में एक निजी वाहन के माध्यम से ऑपरेशन चलाया और घंटों की मेहनत के बाद आरोपी को जापानी फैक्टरी के बाहर सुरक्षा गार्ड के रूप में पहचान लिया.पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. गिरफ्तारी बीएनएसएस 2023 की धारा 35(1)(d) के तहत की गई.
आरोपी का आपराधिक इतिहास दिल्ली पुलिस के मुताबिक भरत नजफगढ़ का रहने वाला है. वह बारहवीं कक्षा तक पढ़ा-लिखा है. लेकिन बाद में गलत संगत में पड़कर अपराध की दुनिया में चला गया. पहले लूटपाट की घटनाएं कीं और फिर एक दिन मामूली झगड़े में पड़ोसी पर गोली चला दी. कानून की गिरफ्त से बचने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा और आखिरकार एक फैक्टरी में नौकरी कर सामान्य जिंदगी का दिखावा करने लगा.
दिल्ली पुलिस ने 10 साल से फरार ‘मोस्ट वांटेड’ अपराधी को दबोचा, सिक्योरिटी गार्ड की कर रहा था नौकरी
5