दिल्ली में आधार कार्ड को लेकर उप-राज्यपाल का मुख्य सचिव को निर्देश, ‘…तो सख्त कार्रवाई की जाएगी’

by Carbonmedia
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राजधानी दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या द्वारा फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए आधार कार्ड बनवाने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया में दिल्ली सरकार के अधिकारियों को व्यापक सुधार के निर्देश दिए हैं. 
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में उप-राज्यपाल ने चेताया है कि आधार कार्ड प्राप्त करने के बाद अवैध प्रवासी पासपोर्ट और मतदाता पहचान पत्र जैसे नागरिकता से जुड़े दस्तावेज़ हासिल कर लेते हैं, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं और स्थानीय रोजगार बाजार को प्रभावित करते हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी खतरा उत्पन्न होता है.
सुरक्षा समीक्षा बैठकों के दौरान आया मामला
दिल्ली के उप-राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि यह मामला सुरक्षा समीक्षा बैठकों के दौरान सामने आया, जहां पाया गया कि कई बार फर्जी दस्तावेज़ों या गलत जानकारी के आधार पर आधार कार्ड दिल्ली में जारी कर दिए गए.
चिंताओं को देखते हुए, उप-राज्यपाल ने दिल्ली सरकार में काम कर रहे सभी Registrars को Aadhaar (Enrolment and Update) Regulations, 2016 के तहत सख्ती से कार्य करने के निर्देश दिए हैं और उप-राज्यपाल ने यह भी कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा आधार नामांकन की प्रक्रिया में एकरूपता नहीं है और कुछ विभाग आउटसोर्स एजेंसियों से काम ले रहे हैं, तो कुछ मशीनें खरीद रहे हैं या निजी एजेंसियों से सेवाएं ले रहे हैं, जो कि UIDAI के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है.
दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के मुताबिक UIDAI ने 14 अक्टूबर 2022 को जारी किए आपके आदेश में सभी राज्य सरकारों को 31 मार्च 2023 तक आधार नामांकन प्रक्रिया को आउटसोर्स मॉडल से इन-हाउस मॉडल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था लेकिन उप-राज्यपाल ने चिंता जताई है कि दिल्ली में अब तक इस आदेश को पूरी तरह लागू नहीं किया गया है.
लापरवाही करने पर होगी कार्रवाई- LG
ऐसे में दिल्ली के उप-राज्यपाल ने निर्देश दिए हैं कि दिल्ली के सभी विभाग जो आधार बनाते हैं वो दो महीने के भीतर इन-हाउस मॉडल में पूरी तरह परिवर्तन सुनिश्चित करें. दिल्ली सरकार और नगर निगमों द्वारा संचालित सभी आधार नामांकन केंद्रों की सूची और उनके वर्तमान संचालन मॉडल की विस्तृत जानकारी 15 जुलाई 2025 तक उप-राज्यपाल को दी की जाए. साथ ही आधार कार्ड बनाने वाले ऑपरेटर सरकारी विभाग के नियमित कर्मचारी हों और अधिकृत मैनपावर एजेंसी से निर्धारित प्रशिक्षण के साथ रखे जाएं. इसके अलावा सभी आधार केंद्रों का हर महीने ऑडिट डिविजनल कमिश्नर की निगरानी में हो, ताकि किसी भी प्रकार की चूक को रोका जा सके.
उप-राज्यपाल ने आधार नामांकन की संवेदनशीलता को बताते हुए यह भी लिखा है कि आधार बनाने की प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए और UIDAI द्वारा अलग-अलग उम्र वर्गों के लिए निर्धारित दस्तावेज़ों की सूची के अनुसार ही आधार बनाया जाए. साथ ही दिल्ली के उप-राज्यपाल ने अपने पत्र में स्पष्ट कहा है कि अगर किसी कर्मचारी की लापरवाही से दिल्ली में अवैध प्रवासियों को आधार जारी किया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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