दिल्ली में ऑनलाइन सोने की ट्रेडिंग का झांसा देकर रिटायर्ड कर्नल से ठगे 41 लाख, ऐसे हुआ खुलासा

by Carbonmedia
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Delhi News: दिल्ली के साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाने की पुलिस टीम ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए साइबर ठगी के एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो ऑनलाइन डिजिटल गोल्ड ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को ठगते थे. इस मामले में पुलिस ने गुजरात और राजस्थान से दो साइबर ठगों को भी गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान, इंद्र कुमार साहनी (36) और रहीम खान (24) के रूप में हुई है. ये गुजरात के अहमदाबाद और राजस्थान के बाड़मेर जिले के रहने वाले हैं. इनके कब्जे से पुलिस ने कुल 05 मोबाइल फोन बरामद किया है, जिनमें इस गोरखधंधे से जुड़े कई अहम सबूत मिले हैं.


इस हाई-टेक गिरोह ने दिल्ली के रहने वाले रिटायर्ड कर्नल को निवेश पर मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर करीब 41.45 लाख रुपये की ठगी कर डाली. पुलिस के मुताबिक ये आरोपी संगठित तरीके से साइबर ठगी का नेटवर्क चला रहे थे और इनके तार अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों से भी जुड़े हुए हैं.


गोल्ड ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा का झांसा देकर ठगी
डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि, साइबर थाने की पुलिस को दी गयी शिकायत में वसंतकुंज के रहने वाले पीड़ित रिटायर्ड कर्नल ने बताया कि उनको वाट्सएप पर एक व्यक्ति ने https://www.ge**gold.com नामक वेबसाइट से जोड़ा, जो डिजिटल गोल्ड ट्रेडिंग का दावा करती थी. उनके निवेश पर उन्हें डॉलर में राशि दिखाकर मुनाफे का लालच दिया गया.


जिस पर उन्होंने धीरे-धीरे करके 41.45 लाख रुपये का निवेश गोल्ड ट्रेडिंग में किया, जो वेबसाइट पर उनके मुनाफे के साथ 1 करोड़ रुपये तक दिखने लगी. लेकिन जब उन्होंने कुछ पैसे निकालने की कोशिश की तो उन्हें बार-बार नए शुल्कों, टैक्स आदि के नाम पर और पैसे देने को कहा गया. जब उनके सारे पैसे खत्म हो गए और उन्हें पैसे नहीं मिले तो उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई.


गुजरात में दी दबिश से मिले थे गिरोह के अहम सुराग
मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम गठित की गई जिसमें एसआई लव देसवाल, हेड कांस्टेबल सचिन और कांस्टेबल नरेंद्र शामिल थे. टीम ने तकनीकी निगरानी, बैंक खातों की जांच और डिजिटल सुरागों के जरिए आरोपी की पहचान की और अहमदाबाद में एक होटल में छापेमारी कर आरोपी इंद्र कुमार साहनी को दबोच लिया. उसके कब्जे से तीन मोबाइल फोन मिले जिनमें ठगी से जुड़े कई साक्ष्य पाए गए. उससे पूछताछ और आगे की जांच के आधार पर रहीम खान को भी पकड़ा गया और उसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए.


गिरफ्तारी के बाद ठगी का तरीका सुन चौक गए
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि इंद्र कुमार साहनी ने खुद के और अन्य लोगों के नाम से 9 फर्जी करंट अकाउंट खोले और कमीशन के बदले इन्हें ठगों को सौंप दिया. रहीम खान इन खातों का संचालन करता था और देशभर से फर्जी खाता धारकों को बुलाकर होटल में ठहराता था ताकि पैसों का ट्रांजेक्शन किया जा सके. इस पूरी ठगी के तार चीन से जुड़े हुए हैं.


आरोपी रहीम ने टेलिग्राम के माध्यम से एक खास एप्लीकेशन मोबाइल फोन में इंस्टॉल किया जिससे भारत के बाहर बैठ कर इस पूरे गोरखधंधे को नियंत्रित किया जा सके. आरोपियों को चीन में बैठे मास्टरमाइंड से डॉलर में कमीशन प्राप्त होता था. इस मामले में कुछ और आरोपियों की भी पहचान हुई है, जिनकी तलाश में पुलिस जगह-जगह दबिश डाल रही है.


ये भी पढ़ें: जामताड़ा में बैठ कर ऐसे हो रही साइबर ठगी, दिल्ली पुलिस ने किया सिंडिकेट का भंडाफोड़

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