Delhi Fraud Case: साउथ-वेस्ट जिले की साइबर थाना टीम ने एक बड़े GST घोटाले का खुलासा करते हुए दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी असली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर फर्जी GST फर्म बनाते थे और इन फर्मों के जरिए करोड़ों रुपये के फर्जी बिल तैयार कर टैक्स हेराफेरी करते थे. इस हाई टेक धोखाधड़ी में शामिल एक आरोपी वकील निकला, जिसने कानून की आड़ में अपराध को अंजाम दिया.
ऐसे दिया जा रहा था पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम
डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक, इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, पानीपत, हरियाणा के रहने वाले संदीप (27) और बुराड़ी के इंदरपाल (45) के रूप में हुई है. आरोपियों के पास से 3 स्मार्टफोन, 1 लैपटॉप और 1 पेन ड्राइव बरामद की गई है.
आरोपी संदीप 12वीं पास है और पिछले सात सालों से आरोपी वकील के यहां काम कर रहा था. वहीं इन फर्मों में लॉगइन कर मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी बदलता था और Tally सॉफ्टवेयर की मदद से फर्जी बिल तैयार करता था, जबकि इंदरपाल पेशे से वकील है. ये दिल्ली में अपने नेटवर्क से 25 से 30 हजार रुपये में फर्जी GST फर्म खरीदता था फिर संदीप की मदद से फर्म में रजिस्टर्ड नंबर और मेल बदलवाकर उसका इस्तेमाल करता था.
पुलिस टीम की जांच में, ऐसे खुला पूरा मामला
डीसीपी ने बताया कि सागरपुर निवासी सुमित ने साइबर थाने में शिकायत दी कि उसके पैन कार्ड पर बिना उसकी जानकारी के दो GST नंबर जारी हो चुके हैं. साथ ही उसके आधार कार्ड से सिम कार्ड भी निकाले गए हैं. जब उसने जांच की तो पता चला कि उसके दस्तावेज़ों से बनी फर्मों के नाम पर करोड़ों का कारोबार दर्शाया गया है. शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गयी.
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी ऑपरेशन विजय कुमार की देखरेख और एसएचओ साइबर सेल प्रवेश कुमार के नेतृत्व में एसआई अमित कुमार, हेड कांस्टेबल संजय, हेड कांस्टेबल सुनील, हेड कांस्टेबल विक्रम और कांस्टेबल नरेंद्र की विशेष टीम का गठन किया गया था.
जांच के दौरान टीम ने सबसे पहले GST विभाग से संबंधित फर्मों की जानकारी जुटाई गई. जब इन फर्मों के पते की फिजिकल रूप से वेरिफिकेशन की गई, तो पाया गया कि वे सभी फर्जी पते हैं और वहां कोई भी फर्म मौजूद नहीं है.
दिल्ली-एनसीआर में दबिश डाल कर आरोपियों को दबोचा
इसके बाद पुलिस ने तकनीकी निगरानी शुरू की. मोबाइल नंबरों, ईमेल आईडी और लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर एक संदिग्ध की पहचान की गई, जो हरियाणा और दिल्ली के बीच लगातार मूवमेंट कर रहा था.
जिसके बाद टीम ने दिल्ली-एनसीआर में कई जगज दबिश डाल कर पहले पानीपत से संदीप और फिर शामली से इंदरपाल को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में मुख्य आरोपी ने बताया कि वह हर फर्जी GST फर्म को 25,000 से 30,000 रुपये में दिल्ली के नेटवर्क से खरीदता था.
इसके साथ ही उसे सिम कार्ड और लॉगिन डिटेल्स भी दिए जाते थे. फिर संदीप की मदद से ईमेल और मोबाइल अपडेट कर, फर्जी बिल तैयार कर फर्म का उपयोग किया जाता था. इस मामले में आगे की जांच जारी है.
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