दिल्ली में बंगाली मुस्लिमों की गैरकानूनी हिरासत का मामला गरमाया, ओवैसी ने साधा निशाना

by Carbonmedia
()

दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में बंगाली भाषी मुस्लिम नागरिकों की गैरकानूनी हिरासत और उन्हें बांग्लादेशी बताकर सीमा पार धकेलने की खबरें तूल पकड़ रही हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है, आरोप लगाया कि सरकार गरीबों के साथ सख्ती और ताकतवर के आगे नरमी बरत रही है. इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.
हाल ही में सोशल मीडिया पर ओवैसी ने गुजरात पुलिस के एक नोटिस को साझा किया, जिसमें संदिग्ध “अवैध प्रवासियों” की पहचान के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि बंगाली बोलने वाले गरीब मजदूर, जैसे स्लम-डवेलर्स, सफाई कर्मी और रेड़ी-मजदूर, बार-बार निशाना बनाए जा रहे हैं, क्योंकि वे पुलिस अत्याचारों का मुकाबला करने में असमर्थ हैं.
भारत ने 1,200 से अधिक लोगों को बांग्लादेश में धकेलानिक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के रेड़ी-मजदूर मोहम्मद शम्सू जैसे लोग डिपोर्टेशन के डर से जी रहे हैं. बीबीसी की मई 2025 की रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत ने 1,200 से अधिक लोगों को बांग्लादेश में धकेला, जिसमें 100 भारतीय नागरिक भी शामिल थे.ओवैसी ने कहा कि भाषा के आधार पर हिरासत गैरकानूनी है और यह संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों का उल्लंघन है. गृह मंत्रालय ने मई 2025 में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए 30 दिन का समय सीमा तय की थी, जिसके बाद इन घटनाओं में इजाफा हुआ है. 
CNN की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासाCNN की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 2019 में पुलिस हिरासत में मरने वालों में 60% गरीब और हाशिए के समुदाय, जैसे मुस्लिम और दलित, थे.वहीं, फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट की बिक्री (20,000 से 2 लाख रुपये) की खबरें चिंता बढ़ा रही हैं. कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि बिना प्रक्रिया के हिरासत और डिपोर्टेशन मानवाधिकारों का उल्लंघन है.बांग्लादेश ने सीमा पर गश्त बढ़ा दी है, लेकिन भारत ने अब तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया. इस बीच, विपक्ष ने इसे गरीबों के खिलाफ बदले की कार्रवाई करार दिया है, जिससे राजनीतिक तनाव और गहरा गया है.
ये भी पढ़ें: बिहार SIR पर चिराग पासवान का राहुल गांधी को खुला चैलेंज, कहा- ‘अगर उनके पास…’

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment