दिल्ली में 48 घंटों में 3 हादसे, मां-बेटी की मौत के बाद सरकार पर उठ रहे सवाल

by Carbonmedia
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राजधानी दिल्ली में बारिश और उससे होने वाले हादसों के सिलसिले थमने का नाम नहीं ले रहे. लगातार एक के बाद एक करके दर्दनाक हादसे की खबर सामने आ रही है. पिछले 48 घंटों में यह तीसरा हादसा है, जिसमें लोग असमय काल के गाल में समा गए. हादसों के बाद सरकार पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
ताजा घटना शुक्रवार शाम, निजामुद्दीन इलाके की है जहां मशहूर हुमायूं के मकबरा स्थित निजामुद्दीन फत्ते शाह दरगाह की दीवार गिरने से 10-12 लोग इसकी चपेट में आ गए. सभी लोग बारिश से बचने के लिए दरगाह की दीवार से सट कर खड़े थे, तभी दीवार भरभरा कर ढह गई.
हादसे में मां-बेटी की मौत
इस हादसे में वसंतकुंज एनक्लेव की रहने वाली मीना अरोड़ा और उसकी बेटी मनसुका अरोड़ा की भी दर्दनाक मौत हो गयी. जिनकी बॉडी को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंप दिया गया. हादसे के बाद से दोनों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. 
वहीं, घटना के बाद सरकार के प्रति रोष भी देखने को मिल रहा है. मृतका की बेटी मंजू और गुस्साए लोगों का कहना है कि, हम ऐसे देश मे रह रहे हैं, जहां कदम-कदम पर मौत का पहरा है. आलम यह है कि, लोगों को लगने लगा है कि, फिलहाल कहीं भी जाना खतरे से खाली नहीं है, क्योंकि सरकार और प्रशासन लापरवाह बने हुए हैं, और इसी कारण एक के बाद एक हादसे पेश आ रहे हैं.
मृतका के पड़ोसी राजन कुमार ने बताया कि, वसंत कुंज एंक्लेव के बी ब्लॉक में मीना अरोड़ा अपने परिवार के साथ रहती थी. उनके परिवार में पति, बेटा और दो बेटी भी है, जिनमें से एक बेटी की उनके साथ ही मौत हो गई. कल तक जो साथ में थी, आज उनकी डेढ़ बॉडी उनके सामने पड़ी हुई है.
बारिश से बचने दरगाह में शरण लेने पहुंचीं मां-बेटी
मृतका मीना के पति और मनसुका के पिता मुकेश कुमार अरोड़ा ने बताया कि उनकी पत्नी और बेटी मत्था टेकने दमदमा साहेब गुरुद्वारा गई थी. लेकिन वे दोनों दरगाह कैसे पहुंच गई इसका उन्हें कुछ पता नहीं है. उन्होंने आशंरका जताई कि, बारिश से बचने के लिए उनदोनों ने शायद दरगाह में शरण ली होगी, जहां दीवार गिरने से वे हादसे की शिकार हो गई.
48 घंटों में तीसरा हादसा 
बता दें कि इस हादसे में एक मोइन नाम के शख्स की भी मौत हो गई है, जो दरगाह में नमाज पढ़ने के लिए गया था. इससे पहले वसंत विहार इलाके में एक मंदिर की दीवार गिरने से उसकी चपेट में आये दो मासूम बच्चों की मौत हो गई थी. 
जबकि इससे पहले कालकाजी इलाके में भारी बारिश की वजह से एक पेड़ गिर गया था, जिंसमें एक बाइक सवार शख्स की मौत हो गयी थी, और उनके साथ बाइक पर सवार उसकी बेटी इस हादसे में घायल हो गयी थी. 
सरकार पर उठ रहे सवाल
इन हादसों के बाद अब हुमायूं के मकबरे की दीवार गिरने से ये हादसा अब सामने आया है. गौरतलब है कि इसे विश्व की धरोहर में शामिल किया गया है और पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इसकी देखरेख करता है. ऐसे में इस तरह के हादसे सामने आना विभागीय लापरवाही को उजागर करने के साथ सरकार पर भी गंभीर सवाल उठा रहे हैं.

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