दिल्ली मेट्रो का बड़ा कदम, इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर पर लगेंगे फुल हाइट प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर

by Carbonmedia
()

Inderlok-Indraprastha Metro Corridor: दिल्ली मेट्रो अब यात्रियों की सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए एक और अहम कदम उठाने जा रही है. आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकने और प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ मेट्रो कॉरिडोर के सभी स्टेशनों पर फुल हाइट प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे.


यह कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो की ग्रीन लाइन का हिस्सा होगा, जिसका विस्तार अब इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ तक किया जा रहा है. इस परियोजना से मेट्रो नेटवर्क और मजबूत होगा और दिल्ली के महत्वपूर्ण इलाकों को सीधे जोड़ेगा.


क्या है प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और क्यों हैं जरूरी?
प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच एक पारदर्शी दीवार की तरह काम करते हैं, जो ट्रेन के आने पर ही खुलते हैं. इससे न केवल आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोका जा सकता है, बल्कि भीड़ के समय धक्का-मुक्की और यात्रियों के ट्रैक पर गिरने की घटनाएं भी रुकेंगी.


दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) के अनुसार, ग्रीन लाइन के विस्तार के तहत इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ तक 12.377 किलोमीटर लंबा नया कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इसमें से 11.349 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत होगा और केवल इंद्रलोक स्टेशन एलिवेटेड रहेगा. इस पूरे रूट में कुल 10 स्टेशन होंगे, जिनमें प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे.


परियोजना के तहत:


● दया बस्ती से नबी करीम तक भूमिगत कॉरिडोर के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.


● नबी करीम से इंद्रलोक तक के हिस्से के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.


● इस कॉरिडोर के वर्ष 2029 तक तैयार होने की उम्मीद है.


आत्महत्या और हादसों को रोकने की कवायद
दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशनों पर आत्महत्या की घटनाएं पहले सामने आ चुकी हैं. दिसंबर 2023 में इंद्रलोक स्टेशन पर एक महिला की मेट्रो के गेट में साड़ी फंसने की वजह से ट्रैक पर गिर कर मौत हो गई थी. इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए फुल हाइट प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर बेहद जरूरी माने जा रहे हैं.


यात्री अनुभव में होगा सुधार
DMRC का कहना है कि इस नई योजना से न सिर्फ सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि यात्रियों के सफर का अनुभव भी और बेहतर होगा. स्क्रीन डोर लगने से स्टेशनों पर आधुनिकता का अहसास होगा और यात्रियों के बीच अधिक अनुशासन भी देखने को मिलेगा. 


ग्रीन लाइन का होगा ऐतिहासिक विस्तार
वर्तमान में ग्रीन लाइन (बहादुरगढ़- इंद्रलोक/कीर्ति नगर) की लंबाई 29.64 किलोमीटर है. जिसमें 24 स्टेशन हैं. अब इस विस्तार के साथ ग्रीन लाइन की पहुंच, दिल्ली गेट, दिल्ली सचिवालय, इंद्रप्रस्थ और सेंट्रल दिल्ली जैसे प्रमुख क्षेत्रों तक हो जाएगी. यह कॉरिडोर सरकारी कार्यालयों और घनी आबादी वाले इलाकों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा.


इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर की योजना दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा नीति में एक नया बदलाव लाएगी. इससे जहां हादसों में कमी आएगी, वहीं यात्रियों को आधुनिक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा. 2029 तक इस कॉरिडोर के शुरू होते ही दिल्ली की मेट्रो सेवा और अधिक भरोसेमंद, आधुनिक तकनीकी से लैस और अधिक सुरक्षित बन जाएगी.


बताते चलें कि, मौजूद समय में एनसीआर में दिल्ली मेट्रो के 352.236 किलोमीटर लंबे नेटवर्क पर 257 मेट्रो स्टेशन हैं. इसमें से 77 मेट्रो स्टेशनों पर ही प्लेटफार्म स्क्रीन डोर हैं. इनमें से ज्यादातर स्टेशन पर आधे ऊंचाई के स्क्रीन डोर लगे हैं. सिर्फ एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के सात मेट्रो स्टेशनों पर पूरी ऊंचाई के प्लेटफार्म स्क्रोन और लगाए गए हैं.


ये भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने की पीएम मोदी की तारीफ, अपनी ही पार्टी पर क्यों भड़के?

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment