दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस साल छात्र संघ चुनावों में अनुशासन और नियमों को लेकर पहले से ज्यादा कड़ा रुख अपनाने का ऐलान किया है. विश्वविद्यालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों में साफ कहा गया है कि डीयू की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. वहीं, विजयी जुलूस में ढोल-नगाड़े और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
पिछले चुनाव में प्रचार के दौरान विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुचाने और तोड़फोड़ की घटनाओं के चलते कई बार मतगणना रोकनी पड़ी थी. इन घटनाओं को देखते हुए इस बार प्रशासन ने शुरुआत से ही स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि अनुशासन तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
उम्मीदवारों के लिए कड़े नियम
निर्देशों में कहा गया है कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार न तो विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाएंगे और न ही दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करेंगे, जिसके लिए नामांकन के समय ही सभी प्रत्याशियों को एक लाख रुपये का बांड भरना होगा. ऐसे मामलों में जुर्माने के साथ चुनाव से अयोग्यता तक की कार्रवाई हो सकती है.
साथ ही, शक्ति प्रदर्शन करने, प्रचार में ढोल, लाउडस्पीकर, पोस्टर आदि के उपयोग पर भी पूरी तरह रोक रहेगी. हालांकि, प्रचार के लिए विश्वविद्यालय सभी कॉलेजों और विभागों में ‘वॉल ऑफ डेमोक्रेसी’ की व्यवस्था करेगा, जहां उम्मीदवार अपने विचार और घोषणाएं साझा कर सकेंगे. इस बार इन दीवारों का आकार भी पहले से बड़ा होगा, ताकि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले.
बहस और भाषण को मिलेगा बढ़ावा
चुनाव में स्वस्थ बहस को बढ़ावा देने के लिए सभी कॉलेज, विभाग और केंद्र उम्मीदवारों के लिए डिबेट और भाषण जैसी गतिविधियों का आयोजन करेंगे. इस तरह के कार्यक्रमों से छात्रों को सीधे अपने मुद्दे रखने का अवसर मिलेगा. निर्देशों के पालन के लिए विश्वविद्यालय ने 2 विशेष समितियां बनाई हैं.
एक कॉलेज स्तर पर और दूसरी विश्वविद्यालय स्तर पर. ये समितियां चुनाव के दौरान नियमों के अनुपालन पर नजर रखेंगी. इस संदर्भ में एक पोर्टल भी तैयार किया जाएगा, जिससे छात्रों को उनके कर्तव्यों और अधिकारों की जानकारी मिल सकेगी.
दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनाव नियमों में सख्ती, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
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