Delhi DBT Scheme: दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा समितियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए सहायता देने के निर्णय का राजधानी में स्वागत किया जा रहा है. इस फैसले को जहां धार्मिक संगठनों ने राहत और सम्मान का प्रतीक माना है.
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता और श्याम कृपा मंडल, खारी बावली के संरक्षक प्रवीण शंकर कपूर ने मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि रेखा गुप्ता द्वारा कांवड़ समितियों को सहायता देने के लिए मंत्री कपिल मिश्रा की अगुवाई में विधायकों की टीम बनाना एक व्यावहारिक और स्वागतयोग्य निर्णय है.
AAP सरकार में कांवड़ समितियां रहीं सरकारी सुविधाओं से वंचित- BJP
कपूर ने कहा कि पूर्व “आप” शासन के दौरान कांवड़ समितियों को सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाता रहा. केवल आप पार्टी से जुड़ी समितियों को ही लाभ दिया जाता था, जिससे धार्मिक आयोजनों में पक्षपात और राजनीतिक हस्तक्षेप की स्थिति बनती थी.
उन्होंने आरोप लगाया कि उस दौरान टैंट माफिया और क्षेत्रीय विधायकों की मिलीभगत से आम समितियों को नज़रअंदाज़ किया गया. यहां तक कि छठ पूजा जैसे आयोजनों में भी यह पक्षपात देखा गया.
कपूर ने कहा, ”डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत मिलने वाली आर्थिक मदद और 1200 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलने से कांवड़, रामलीला और छठ समितियों में उत्साह की लहर है. यह केवल सुविधा नहीं, बल्कि सम्मान का संकेत है.”
DBT का मकसद धार्मिक आयोजकों को सीधी और पारदर्शी मदद- बीजेपी
वहीं, चांदनी चौक से बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस निर्णय को एक नीतिगत क्रांति करार देते हुए कहा कि DBT प्रणाली का उद्देश्य साफ है, धार्मिक आयोजकों को सीधे और पारदर्शी ढंग से सहायता पहुंचाना. उन्होंने कहा, कांवड़ यात्रा सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह आस्था, अनुशासन और जनसेवा का प्रतीक है. वर्षों तक इसे राजनीतिक लाभ का साधन बना दिया गया था, जहां वास्तविक आयोजक दरकिनार कर दिए जाते थे और बिचौलिए हावी रहते थे.
दिल्ली सरकार का बड़ा कदम: DBT से कांवड़ समितियों को सीधे मिलेगी मदद, क्या बोली बीजेपी?
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