दिल्ली: BJP ने मनाई डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि, कहा- ‘उन्होंने अपना सबकुछ…’

by Carbonmedia
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BJP On Syama Prasad Mukherjee Death Anniversary: राजधानी दिल्ली में देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जनसंघ के संस्थापक और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर सोमवार (23 जून) बीजेपी ने एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. 
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर राष्ट्र के इस महान सपूत को भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
कार्यक्रम के दौरान गूंजे भावुक नारे
कार्यक्रम की शुरुआत केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से की गई, जिन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की उपस्थिति में डॉ. मुखर्जी के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग साझा करते हुए कहा, डॉ. मुखर्जी केवल व्यक्ति नहीं, विचार हैं. एक ऐसा विचार जिसने ‘एक देश में दो विधान नहीं चलेंगे’ का नारा दिया और इसके लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया.
श्रद्धांजलि सभा के दौरान “जहां बलिदान हुए मुखर्जी, वो कश्मीर हमारा है” का नारा गुंजायमान हो उठा. सभा में सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, बांसुरी स्वराज, दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, डॉ. पंकज सिंह, महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह सहित बड़ी संख्या में बीजेपी नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 हटाकर डॉ. मुखर्जी के अधूरे सपनों को साकार किया – भाजपा
इस मौके पर धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में अनुच्छेद 370 हटाकर डॉ. मुखर्जी के अधूरे सपनों को साकार किया. उन्होंने कहा कि 72 साल पहले एक विचार के विरोध में उन्होंने कश्मीर में प्रवेश किया था. आज उनका बलिदान भारत की अखंडता का आधार बन चुका है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डॉ. मुखर्जी को भारत की एकता की नींव रखने वाला योद्धा बताते हुए कहा, 1947 में देश भले आजाद हुआ, लेकिन अखंडता की लड़ाई तब शुरू हुई जब दो विधान और दो प्रधान के खिलाफ आवाज उठाकर डॉ. मुखर्जी ने एक भारत की नींव रखी. कश्मीर पर उनका दृष्टिकोण आज की पीढ़ी को दिशा देता है.
भारतीय राजनीति और राष्ट्रीयता को समझने के लिए डॉ. मुखर्जी को समझना जरूरी: वीरेंद्र सचदेवा 
 दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी को समझे बिना भारतीय राजनीति और राष्ट्रीयता को समझा नहीं जा सकता. उन्होंने बताया कि डॉ. मुखर्जी की मृत्यु आज भी रहस्य बनी हुई है और उनकी मां का तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू को लिखा गया पत्र उस पीड़ा का दस्तावेज है, जो राष्ट्र की आत्मा से जुड़ा है.
सभा में यह भी उल्लेख किया गया कि डॉ. मुखर्जी का जीवन वैचारिक दृढ़ता, साहस और राष्ट्रनिष्ठा का आदर्श है. उन्होंने पंडित नेहरू से असहमति के बावजूद अपने विचारों से समझौता नहीं किया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोग से एक वैकल्पिक राजनीतिक धारा की स्थापना की, जो आज बीजेपी के रूप में देश की सबसे बड़ी पार्टी है.
वृक्षारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
कार्यक्रम के अंत में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया. श्रद्धांजलि सभा न केवल स्मरण का अवसर बनी, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का विचार आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना स्वतंत्रता के बाद था. “राष्ट्र सर्वोपरि” के मंत्र को आत्मसात करते हुए बीजेपी नेताओं ने संकल्प लिया कि डॉ. मुखर्जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए भारत की एकता और भारतीयता को हर जन-जन तक पहुंचाया जाएगा.

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