Delhi High Court News: दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस मनोज जैन ने अपने अहम फैसले में रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल को निर्देश दिया है कि वह ट्रेन से गिरकर जान गंवाने वाले एक व्यक्ति के परिजनों को निर्धारित नियमों के तहत मुआवजा प्रदान करे.
यह मामला अमरपाली एक्सप्रेस से जुड़ा है, जिसमें मृतक नई दिल्ली से सिवान जंक्शन जा रहा था. खुरजा स्टेशन पर ट्रेन में पानी की सुविधा न होने के कारण वह नीचे उतरा था, और पानी लेकर वापस उसी ट्रेन में चढ़ते समय भीड़ के कारण गिर पड़ा, जिससे उसकी मृत्यु हो गई.
रेलवे ने मुआवजा देने से किया था इंकार
रेलवे ने इस दावे को नकारते हुए कहा था कि मृतक खुरजा स्टेशन पर पटरियों को पार कर रहा था और दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हुई. ट्रिब्यूनल ने रेलवे के पक्ष में फैसला सुनाया था और कहा था कि मृतक ने गलत दिशा से ट्रेन में चढ़ने की कोशिश की थी, जो उसकी गलती थी.
हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए कहा कि यह विशेष महत्व नहीं रखता कि मृतक ने ट्रेन में गलत दिशा से चढ़ने की कोशिश की, जब यह साफ हो चुका है कि वह ट्रेन में दोबारा सवार हो गया था और उसके बाद गिरा.
कोर्ट ने ट्रेन में मौजूद गवाह को माना अहम
दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रेन के उसी कोच में यात्रा कर रहे एक गवाह नसीम की गवाही को भी बेहद अहम माना है, जिसने यह साफ किया कि मृतक को किसी दूसरी ट्रेन ने नहीं मारा.
इसके अलावा, जिस ट्रेन से टकराने का आरोप लगाया गया था, उसके लोको पायलट की गवाही भी मृतक के दोबारा चढ़ने और गिरने की बात को मजबूत करती है. कोर्ट ने कहा कि यह एक अप्रत्याशित दुर्घटना थी और मृतक ट्रेन में पहले से यात्रा कर रहा था.
मुआवजा 8 हफ्तों के भीतर देना होगा
इसलिए, रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल को ‘रेलवे दुर्घटनाएं और आकस्मिक घटनाएं (मुआवजा) नियम 1990’ के तहत निर्धारित मुआवजा 8 हफ्तों के भीतर देना होगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल के आदेश को पलटते हुए पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के लिए कहा है.
दिल्ली HC का बड़ा फैसला, ट्रेन से गिरकर मौत पर रेलवे देगा मुआवजा, ट्रिब्यूनल का आदेश पलटा
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