Om keeps the Heart and Mind Healthy: हिंदू धर्म में ‘ओम’ का जाप आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से खास माना जाता है, खास बात है कि यह सेहत के लिए भी चमत्कारी है. ‘ओम’ का उच्चारण न केवल तनाव दूर करता है, बल्कि दिल, फेफड़े और दिमाग को भी स्वस्थ रखता है. वैज्ञानिक रिसर्च और विशेषज्ञों की राय इसकी पुष्टि करते हैं.
मन को शांत करता है ओम का जाप
ओम को जागृति की ध्वनि या ‘प्रथम ध्वनि’ भी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मांड में भौतिक निर्माण के अस्तित्व में आने से पहले ओम की गूंज विद्यमान थी. इस वजह से ओम को ‘ब्रह्मांड की आवाज’ भी कहा जाता है. ‘ओंकार’ या ‘प्रणव’ में ढाई अक्षर होते हैं, जिसमें पूरे ब्रह्मांड का सार है. हिंदू धर्म के साथ ही कई धर्मों और पंथों में ओम का अलग-अलग रूपों में अभ्यास देखने को मिलता है.
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ साइंस में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, ‘ओम’ का जाप ध्यान का एक प्रभावी तरीका है, जो शरीर के स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (जो दिल की धड़कन और सांस को नियंत्रित करता है) पर सकारात्मक असर डालता है. रिसर्च में 19 योग करने वाले (9 महिलाएं, 10 पुरुष, औसत उम्र 25 साल) और 17 योग न करने वाले (8 महिलाएं, 9 पुरुष, औसत उम्र 24 साल) लोगों को शामिल किया गया. दोनों समूहों से 5 मिनट तक ‘ओम’ का जाप करवाया गया और उनकी हृदय गति परिवर्तनशीलता को मापा गया.
इसका सकारात्मक असर देखने को मिला
इससे यह पता चलता है कि शरीर कितना तनावमुक्त और संतुलित है. रिसर्च से यह भी समझने की कोशिश की गई कि ‘ओम’ का जाप योग करने और न करने वाले लोगों पर अलग-अलग कैसे असर करता है. इस रिसर्च में इसका सकारात्मक असर देखने को मिला. ‘ओम’ को ‘जागृति की ध्वनि’ कहा जाता है. इसका कंपन तंत्रिका तंत्र, चक्रों और शरीर के न्यूरॉन्स को एक्टिव करता है, जिससे शांति, स्थिरता और एकाग्रता बढ़ती है. स्वास्थ्य को लेकर जागरुक अभिनेत्री भाग्यश्री ने भी इसके फायदों को साझा किया.
उन्होंने बताया कि सुबह लंबे समय तक ‘ओम’ का जाप करने से दिल और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं. धीरे-धीरे सांस लेकर ‘ओम’ बोलने और सांस छोड़ने की यह प्रक्रिया तनाव को कम करती है और वेगस नर्व को मजबूत करती है, जो दिल, फेफड़ों और नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करती है.
सेहत में सुधार करता है ओम का जाप
ओम का वाइब्रेशन तंत्रिका तंत्र, चक्रों और शरीर के न्यूरॉन को खोलने का सही तरीका है. ब्रह्मांड में भेजे गए इस शब्द के कंपन से स्थिरता, शांति और फोकस आता है. चाहे शरीर की एक्टिविटीज हों या ध्यान, यह सब कुछ एक इसके उच्चारण से संभव है. इसका सीधा सकारात्मक असर आपके दिल और फेफड़ों पर पड़ता है. वेगस नर्व आपके नर्वस सिस्टम तक सिग्नल्स पहुंचाती है. यानी कि जब हम ओम का उच्चारण करते हैं, तो पूरा शरीर जागृत हो जाता है.
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