दुबई में भारत के मजदूर को कितना मिलता है पैसा, भारत में हो जाता है इतना?

by Carbonmedia
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दुबई… एक ऐसा शहर जो सिर्फ अपनी चमचमाती इमारतों और आलीशान लाइफस्टाइल के लिए नहीं, बल्कि भारतीय कामगारों के लिए रोजगार के बड़े मौके के रूप में भी जाना जाता है. हर साल लाखों भारतीय बेहतर कमाई के सपने लेकर दुबई जाते हैं. लेकिन असली सवाल ये है -वहां जाकर कितना कमाते हैं, कितना खर्च होता है और आखिर में बचत कितनी होती है?
कितनी होती है आमदनी?
दुबई में भारतीय वर्कर्स की कमाई उनकी नौकरी और स्किल के अनुसार अलग-अलग होती है. आम तौर पर अगर आप एक लो स्किल्ड वर्कर हैं, जैसे कि ड्राइवर, क्लीनर, हेल्पर या कंस्ट्रक्शन वर्कर, तो आपकी सैलरी 800 से 1200 दिरहम के बीच हो सकती है. वहीं स्किल्ड वर्कर्स जैसे इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर या मशीन ऑपरेटर को 1500 से 2500 दिरहम तक मिल सकते हैं. अगर हम ​रुपयों में बात करें तो एक दिरहम की कीमत लगभग 22 से 23 रुपये होती है. यानी एक मजदूर को लगभग 20,000 से 60,000 तक महीने की सैलरी मिल सकती है.
क्या होता है खर्च?
कमाई के साथ-साथ दुबई में रहना भी सस्ता नहीं है. हालांकि कंपनियां अक्सर वर्कर्स को रहने और आने-जाने की सुविधा देती हैं, लेकिन फिर भी खाने-पीने और बाकी जरूरतों पर खर्च होता है. आम तौर पर एक वर्कर को महीने भर में 400 से 600 दिरहम तक का खर्च उठाना पड़ता है. इसमें खाना, मोबाइल रिचार्ज, कपड़े और छोटी-मोटी चीजें शामिल होती हैं.
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कितनी होती है बचत?
अगर कोई वर्कर हर महीने करीब 1500 दिरहम कमा रहा है और उसमें से 500 दिरहम खर्च कर रहा है, तो वह आराम से 1000 दिरहम यानी करीब 22,000 तक बचा सकता है. कुछ वर्कर्स ज्यादा शिफ्ट में काम करके ओवरटाइम भी करते हैं, जिससे उनकी कमाई और बचत दोनों बढ़ जाती हैं.
घर वालों को भेजते हैं पैसे
अधिकतर भारतीय कामगार हर महीने अपने परिवार को पैसे भेजते हैं. दुबई से भारत पैसे भेजना आसान और सस्ता होता है. यही कारण है कि दुबई में काम करने वाले भारतीय अपने गांव-घर की आर्थिक हालत सुधारने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.
क्यों पसंद करते हैं दुबई?

टैक्स फ्री इनकम: दुबई में कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता
ज्यादा कमाई के मौके: ओवरटाइम और एक्स्ट्रा काम का पैसा मिलता है
नजदीकी दूरी: भारत से दुबई की फ्लाइट करीब 3-4 घंटे की ही होती है
कई कंपनियों की जरूरत: दुबई में निर्माण, होटल, ट्रांसपोर्ट, सिक्योरिटी जैसी कई इंडस्ट्री में वर्कर्स की डिमांड बनी रहती है

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