ड्रोन वॉरफेयर में डीआरडीओ ने मील का पत्थर हासिल करते हुए यूएवी से लॉन्च होने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. दुश्मन के टैंक और इन्फेंट्री सैनिकों को मार गिराने वाले इस खास यूएवी टेस्ट को आंध्र प्रदेश के कुरनूल में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण के लिए डीआरडीओ और इंडस्ट्री पार्टनर (अडानी डिफेंस) को शुभकामनाएं दी हैं.
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने यूएवी से लॉन्च किए जाने वाली प्रेशियन गाइडेड मिसाइल (यूएलपीजीएम)-वी3 सिस्टम का परीक्षण किया है. परीक्षण को कुरनूल के नेशनल ओपन एरिया रेंज (एनओएआर) में आयोजित किया गया. डीआरडीओ ने हालांकि, टेस्ट और यूएलपीजीएम के बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक, ये यूएलपीजीएम करीब 8.50 किलो के पेयलोड (हथियार) को लॉन्च करने में सक्षम है.
सैनिकों पर खतरा होगा कम
डीआरडीओ ने इस यूएलपीजीएम को भारतीय सेना (थलसेना) के लिए तैयार किया है और इसके उत्पादन की जिम्मेदारी अडानी डिफेंस के हवाले होगी. थलसेना इन यूएलपीजीएम का इस्तेमाल दुश्मन के टैंक, आर्मर्ड व्हीकल्स, मिलिट्री ट्रक और पैदल सैनिकों पर हमला करने के लिए कर पाएगी.
इन यूएवी से करीब चार (04) किलोमीटर की दूरी से ही मिसाइल से दुश्मन पर अटैक किया जा सकेगा. ऐसे में सैनिक, जंग के मैदान के बाहर से ही दुश्मन पर हमला करने में सक्षम हो पाएंगे. इससे सैनिकों पर खतरा काफी कम हो जाएगा.
बर्फीले इलाकों से लेकर रेगिस्तान तक में इस्तेमाल
जानकारी के मुताबिक, इस तरह के गाईडेड प्रेशिसयन मिसाइल को दिन-रात किसी भी समय लॉन्च किया जा सकता है. इस तरह के यूएवी का इस्तेमाल बर्फीली इलाकों से लेकर रेगिस्तान तक में किया जा सकेगा, क्योंकि ये यूएवी माइनस -20 से लेकर 65 डिग्री तक के तापमान में ऑपरेट किया जा सकता है.
डीआरडीओ की ओर से परीक्षण किए गए यूएवी, 750 मीटर से लेकर 2000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं. रक्षा मंत्री ने यूएलजीपीएम के परीक्षण पर एक्स अकाउंट पर लिखा कि इसके जरिए भारत की रक्षा क्षमताओं में भारी इजाफा होगा.
एमएसएमई और स्टार्टअप्स को दी शुभकामनाएं
इसके लिए रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ और इंडस्ट्री पार्टनर के साथ-साथ इस प्रोजेक्ट में साथ देने वाली एमएसएमई और स्टार्टअप्स को भी शुभकामनाएं दी. राजनाथ सिंह के मुताबिक, इस टेस्ट से साफ हो गया है कि देश की डिफेंस इंडस्ट्री क्रिटिकल डिफेंस टेक्नोलॉजी के उत्पादन और अब्जॉर्ब करने के लिए तैयार है.
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