देश के किसानों के लिए नया नेटवर्क तैयार:7 प्रमुख फसलों के लिए नियुक्त किए गए क्लस्टर हेड और 9 मास्टर ट्रेनर, हर राज्य में होंगे प्रशिक्षण सत्र

by Carbonmedia
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देशभर के किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 7 प्रमुख फसलों के लिए क्लस्टर हेड और 9 विषय विशेषज्ञ मास्टर ट्रेनरों की नियुक्ति की है। इन विशेषज्ञों को इंडो-इजरायल परियोजना के तहत देश के विभिन्न उत्कृष्टता केंद्रों से जोड़ा गया है। देश के किसी भी कोने में कोई भी उत्कृष्टता प्रोजेक्ट लगाया जाता है तो कलस्टर हेड उसमें मदद करेंगे, साथ ही वैज्ञानिक तरीके से संबंधित उत्कृष्टता केंद्र के विशेषज्ञों को ट्रेनिंग भी देंगे ताकि वे अपने प्रोजेक्ट को अच्छी तरह से संचालित कर सके। आम, सब्जी, सिट्रस, अनार, खजूर, फूलों की खेती और मधुमक्खी पालन जैसे क्षेत्रों में नियुक्त किए गए ये विशेषज्ञ देश के 25 राज्यों के प्रोजेक्ट पर जाकर ऑफिसर्स और किसानों आधुनिक तकनीकों के बारे में ट्रेनिंग भी देंगे। मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि जब भी कोई क्लस्टर प्रमुख या मास्टर ट्रेनर उनके क्षेत्र में दौरे पर आए, तो उनके ठहरने और खाने की पूरी व्यवस्था की जाए, जिसका खर्च राज्य के MIDH बजट से वहन किया जाएगा। मंत्रालय ने जारी की सूची, हर फसल के लिए नियुक्त किए गए विशेषज्ञ
हाल ही में कृषि भवन, नई दिल्ली से जारी पत्र में बताया गया है कि इस योजना की शुरुआत 10 जून 2024 को की गई थी। अब MASHAV (Embassy of Israel) ने नई क्लस्टर प्रमुखों की सूची जारी की है और मास्टर ट्रेनर भी नामित किए हैं, जो पूरे देश में सीओईएस के जरिए किसानों को प्रशिक्षित करेंगे।
क्लस्टर प्रमुखों की सूची मास्टर ट्रेनर्स की सूची राज्यों को निर्देश-खर्च होगा बजट से
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि जब भी कोई क्लस्टर प्रमुख या मास्टर ट्रेनर किसी राज्य में दौरे पर आएंगे, तो संबंधित राज्य सरकार को उनके आवास और भोजन की व्यवस्था करनी होगी, जिसका खर्च राज्य के MIDH (Mission for Integrated Development of Horticulture) बजट से किया जाएगा। देशभर में एकीकृत प्रशिक्षण और ज्ञान का आदान-प्रदान
इस प्रणाली के तहत हर क्लस्टर प्रमुख को उनके संबंधित फसल विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर CoEs को जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। यह व्यवस्था राज्यों के बीच सहयोग, अनुसंधान और प्रशिक्षण को गति देगी, जिससे किसानों को उनके क्षेत्र की जलवायु व ज़रूरतों के अनुसार सर्वोत्तम कृषि समाधान मिल सकेंगे। यह पहल किसानों के लिए क्या लाएगी?
.किसानों को वैज्ञानिक प्रशिक्षण
.फसल आधारित समाधान
.नई तकनीकों से जुड़ाव
.गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार
.निर्यात योग्य उपज की तैयारी

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