देश में न्याय व्यवस्था में सुधार होने चाहिए- विज:अंबाला में बोले- हमारा देश प्रगतिशील, SC के मुख्य न्यायधीश की टिप्पणी का स्वागत

by Carbonmedia
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हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज ने आज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई द्वारा न्याय व्यवस्था में सुधार करने के लिए कही गई टिप्पणी का स्वागत किया और कहा कि सुधार प्रकृति का नियम है और सुधार करते-करते हम यहां तक पहुंचे है क्योंकि हम भारतीय प्रगतिशील समाज है।
विज आज मीडिया कर्मियों द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई द्वारा दिए गए ब्यान कि भारतीय न्याय व्यवस्था को सुधार की सख्त ज़रूरत है, क्योंकि वह अनोखी चुनौतियों का सामना कर रही है, जिनमें दशकों तक चलने वाले मुकदमे भी शामिल हैं, के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने न्याय व्यवस्था में सुधार करने की बात कही है और इसका मैं समर्थन तथा स्वागत करता हूं।
ठेले में सुधार करते-करते हमने हवाई जहाज बनाया उन्होंने उदाहरण देकर समझाते हुए कहा कि हमारी पुरानी सभ्यता थी, और सुधार करके ही हम यहां तक पहुंचे हैं। पहले सती प्रथा थी उसमें सुधार किया गया, और तीन तलाक में सुधार किया गया। इसी प्रकार, उन्होंने बताया कि पहले ठेले चलते थे, उसमें सुधार करके साइकिल बनाई गई, साइकिल से स्कूटर बनाया है, स्कूटर में सुधार करके कार बनी और कार में सुधार करके हवाई जहाज बनाया गया अर्थात सुधार प्रकृति का नियम है और सुधार किया जाना बहुत जरूरी है। अमित शाह ने पुराने क़ानूनों में सुधार कर बदलाव किया- विज विज ने कहा कि समयानुसार जब ये प्रणाली बनी थी, उस वक्त की व्यवस्थाएं और समस्या भिन्न थी परन्तु आज की स्थिति में समस्याएं अलग है क्योंकि कई नए प्रकार के अपराध पनप रहे हैं जिनके लिए अलग किस्म से सजा होनी चाहिए। इसी को मदेनजर रखते हुए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने अंग्रेजों के समय के बने हुए कानून में सुधार करके बदलाव किया है। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि पहले दादा केस दाखिल करता था और पोते के समय में फैसला आता था अब 3 साल में केस का फैसला आएगा। परिवर्तन प्रकृति का अपरिवर्तनीय नियम है ऊर्जा मंत्री ने कहा कि समय के अनुसार बदलाव की बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि “Change is the unchangeable law of nature” अर्थात ‘परिवर्तन प्रकृति का अपरिवर्तनीय नियम है’ है। विज ने कहा कि जो विरोध करते हैं वह रूढ़िवादी लोग हैं और रूढ़िवादी लोग प्रगतिशील नहीं होते जबकि हम प्रगतिशील समाज है और समय के अनुसार बदलाव होते रहना चाहिए। इसलिए मैं चीफ जस्टिस की इस बात का समर्थन करता हूं।

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