देश में रैंक सुधरी, प्रदेश में पिछड़ी:हिसार का स्वच्छ सर्वेक्षण में देश में 59वां, प्रदेश में 28वां स्थान, कचरे का पहाड़ खत्म किया

by Carbonmedia
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स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 का नतीजा चौकाने वाला रहा है। हिसार नगर निगम ने स्वच्छता की रेस में प्रदर्शन देशभर में तो बेहतर रहा मगर हरियाणा में हिसार बुरी तरह पिछड़ गया। प्रदेश भर के निकायों में हिसार का 28वां नंबर है जो 2023-24 में 7वां था। देश में हिसार ने 135 रैंक का सुधार कर 59वां स्थान हासिल किया है। रैंकिंग में सुधार की अहम वजह कचरे के पहाड़ खत्म करना, कचरे के सैकंडरी प्वाइंट समाप्त करना और दीवारों को पेंटिंग से सुंदर बनाना रहा। शहरवासियों की नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के साथ स्वच्छता में जनभागीदारी रही। इसी जनभागीदारी का यह संतोषजक परिणाम आया है। जनभागीदारी ने नगर निगम का टाप में आने का सपना आखिरकार साकार करने के साथ साथ हिसार को 59वां स्थान दिलाकर शहर को स्वच्छता की दौड़ में सम्मान दिलाया है। निगमायुक्त नीरज के नेतृत्व में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की योजनाबद्ध तरीके से किए गए कार्य रंग लाए और बेहतर रैंकिंग की उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश में निगम की रैंकिंग में एक पायदान नीचे आए
देश के 3 लाख से 10 लाख तक जनसंख्या वाले शहरों के बीच हुई स्वच्छता की दौड़ में राष्ट्रीय स्तर पर हिसार की बेहतरीन रैंकिंग रही है। देश में रैंकिंग जहां बेहतरीन रहीं, वहीं प्रदेश की निगमों में हिसार एक पायदान नीचे आ गया है। पिछली बार प्रदेश में नगर निगम का स्वच्छता में सातवां स्थान था, वहीं इस बार प्रदेश की निगमों में हिसार आठवें स्थान पर है। प्रदेश स्तर पर निगमों ने स्वच्छता में सुधार किए हैं। वहीं नगर निगम ने इस बार बड़े स्तर पर परिवर्तन किया है। गार्बेज फ्री सिटी नहीं कर पाया निगम
प्रदेश में गार्बेज फ्री सिटी (जीएफसी) करने का भी लक्ष्य दिया गया था। इसमें स्टार रैंकिंग दी जानी थी। नगर निगम हिसार की टीम शहर को गार्बेज फ्री सिटी नहीं कर पाया। हालांकि बड़े स्तर पर नगर निगम प्रशासन ने सैकंडरी प्वाइंटों को खत्म किया था। लेकिन वे पूरी तरह खत्म नहीं हुए और जब सर्वेक्षण के लिए टीम आई तो उन्हें शहर के कई प्वाइंटों पर कचरा मिला जिसके कारण हिसार को जीएफसी में कोई स्टार नहीं मिला। सफाई व्यवस्था सुधार के लिए ये किए प्रयास
शहर में कचरा संग्रहण, सेग्रीगेशन, ट्रांसपोर्टेशन और प्रोसेसिंग सहित स्वच्छता के कार्य को नगर निगम ने योजनाबद्ध तरीके से किया। यह कार्य एजेंसियों से करवाया। इसमें वार्ड-1 से वार्ड-10 में 5.94 करोड़ रुपए खर्चे। वहीं वार्ड-11 से वार्ड-20 में 7.79 करोड़ रुपए खर्चे। यानी एजेंसियों के माध्यम से करीब 13.38 करोड़ रुपए खर्च कर कचरा संग्रहण, सेग्रीगेशन, ट्रांसपोर्टेशन और प्रोसेसिंग की। वहीं नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के माध्यम से रोड स्वीपिंग की। शहर को साफ, स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए निगमायुक्त नीरज ने योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया और स्वच्छता रैंकिंग में सुधार हुआ।

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