दिल्ली के द्वारका जिले के छावला इलाके में उस समय हड़कंप मच गया जब एक निर्माणाधीन मकान में शटरिंग खोलने के दौरान सेप्टिक टैंक में दम घुटने से ठेकेदार और मजदूर की मौत हो गई. मृतकों की पहचान ठेकेदार सुभाष (32 वर्ष) और मजदूर प्रदीप (22 वर्ष) के रूप में हुई है. ये दोनों पालम के शिवपुरी और महावीर एनक्लेव के रहने वाले थे.
पहले मजदूर उतरा सेप्टिक टैंक में…
हादसे की शुरुआत तब हुई जब शटरिंग हटाने के लिए मजदूर प्रदीप पहले टैंक के अंदर गया. अंदर जाते ही वह बेहोश हो गया. काफी देर होने के बाद जब उसकी आवाज नहीं आई, तो ठेकेदार सुभाष उसे देखने के लिए टैंक में उतरा और वह भी बाहर नहीं निकल पाया.
काफी देर तक जब दोनों ही बाहर नहीं निकले तो लोगों ने जब अंदर झांक कर देखा तो पाया कि दोनों अचेत पड़े हुए हैं. तुरंत ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. दोनों की दम घुटने से मौके पर ही मौत हो गई थी.
लापरवाही का मामला दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुटी
डीसीपी अंकित सिंह के मुताबिक, कुतुब विहार फेस 2 स्थित एक मकान का निर्माण कार्य चल रहा है. 25 जुलाई को दोपहर 1:56 पर इंदिरा गांधी अस्पताल से सूचना मिली कि दो व्यक्तियों को मृत अवस्था में लाया गया है.
दोनों की सेप्टिक टैंक में मौत हुई है. डॉक्टरों ने दम घुटने से उनकी मौत की पुष्टि की है. शुरुआती जांच में लापरवाही का मामला सामने आया है. दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सुरक्षित रखवा दिया गया है. क्राइम टीम और एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच की और सबूतों को इकट्ठा किया.
जहरीली गैस के कारण दम घुटने से हुई मौत
डॉक्टरों के अनुसार टैंक लंबे समय से बंद था, जिस कारण अंदर जहरीली गैस बन गयी होगी या फिर ऑक्सीजन की कमी हो गयी होगी. जिस कारण उनकी मौत हो गई. सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही पता चल पाएगा.
द्वारका में सेप्टिक टैंक में उतरे ठेकेदार और मजदूर की दम घुटने से दर्दनाक मौत, कैसे हुआ हादसा?
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