‘द इंडिया स्टोरी’ के जरिए सोलो हीरो में वापसी:श्रेयस तलपड़े बोले- दर्शक मेरा एक अलग रूप देखेंगे, साउथ की फिल्मों से भी अच्छे ऑफर्स

by Carbonmedia
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श्रेयस तलपड़े हाल ही में हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘कपकपी’ में नजर आए हैं। इस फिल्म में उनकी और तुषार कपूर के बीच अच्छी बॉन्डिंग देखने को मिली है। श्रेयस ‘हाउसफुल 5’ भी आने वाली है। हाल ही में दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान श्रेयस ने फिल्म की शूटिंग के अनुभव और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बात की। फिल्म ‘कपकपी’ की तुलना ‘स्त्री’ से हो रही है, इस पर आपका क्या कहना है? यह तो होता ही रहता है। ‘स्त्री’ का कंपैरिजन किसी और से हुआ था। अब रेफरेंस के लिए कहीं न कहीं यह चीजें तो होती ही रहेंगी। मुझे लगता है हर फिल्म की एक अपनी आइडेंटिटी होती है, डेस्टिनी होती है। फिल्म ‘कपकपी’ में तुषार कपूर के साथ फिर से काम करने का अनुभव कैसा रहा? तुषार के साथ शूट करना हमेशा ही अच्छा लगता है। वह मेरे दोस्त हैं। हम उम्र भी हैं और साथ में पहले बहुत सारा काम कर चुके हैं सो एक कंफर्ट लेवल है काम करने का। इस बार दोनों के रोल बड़े अलग थे। तुषार का तो बहुत जबरदस्त रोल है। ‘इमरजेंसी’ में आप अटल जी के रोल में दिखे। क्या आगे कोई बायोपिक करने की योजना है? बायोपिक हिंदी में अभी तक तो नहीं है, मराठी में एक दो बायोपिक पर काम चल रहा है। अच्छा स्क्रिप्ट स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है। बाकी अटल बिहारी वाजपेयी जी के रोल के लिए लोगों का जो प्यार मिला। उसके लिए आभारी हूं। मेरी कोशिश थी कि उस फिल्म में जितना रोल मिला, जितनी स्क्रीन स्पेस मिला, उसे बतौर अटल शिद्दत से प्ले करूं और मैंने किया भी। क्या दर्शक आपको सोलो एक्शन हीरो के रूप में देखेंगे? जरूर देखेंगे। एक फिल्म है जिसका नाम है ‘‘द इंडिया स्टोरी’ जिसमें मैं हूं और काजल अग्रवाल है। वह फिल्म भी तैयार हो रही है। अगले साल तक रिलीज भी होगी। उसमें दर्शक मेरा एक अलग तरह का रूप देखेंगे। क्या आपने कोई नया साउथ प्रोजेक्ट साइन किया है? नहीं, अभी अभी नहीं, फिलहाल तो यह ‘पुष्पा’ तक ही किया है। इसके दो पार्ट्स किए हैं और वह जो ‘द लायन किंग’ आपने मेंशन किया है उसके दो पार्ट किए हैं। यह तो डबिंग के तौर पर था, लेकिन बतौर एक्टर एक साउथ में फिल्म की है जो एक्चुअली कन्नड़ प्रोड्यूसर की है। फिल्म हिंदी में है, लेकिन हिंदी के साथ-साथ अलग-अलग लैंग्वेज में भी डब होगी। उसका पोस्ट प्रोडक्शन चल रहा है। बाकी मैं खुद को बहुत खुशनसीब समझता हूं कि एक डब की हुई फिल्म के लिए मुझे जितना प्यार मिला है, जितनी सराहना मिली है, शायद ही किसी को ऐसा प्यार मिलता है। मेरे पास शब्द नहीं है बताने के लिए कि मैं कितना खुश हूं। ऑफ कोर्स ऑफर्स आ रहे हैं, साउथ से। कुछ एक्टिंग के हैं तो कुछ डबिंग के भी हैं। तो जो इंटरेस्टिंग लगता है वह एक्सेप्ट करता हूं।

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