धराली में आई आपदा ने न केवल लोगों का जान माल का नुकसान किया बल्कि कारोबार भी पूरी तरह से ठप कर दिया है. उत्तराखंड के चार धामों में से एक धाम गंगोत्री धाम में इस वक्त सन्नाटा बरपा हुआ है. यहां पर दुकानों पर ताले लगे हैं साधु संत अपने आश्रमों में तपस्या में लीन हो गए हैं.
यह नजारा शीतकाल से भी ज्यादा खतरनाक दिखाई दे रहा है, क्योंकि शीतकाल के दौरान भी काफी चहल-पहल रहती है, लेकिन इस आपदा के दौरान गंगोत्री धाम में एक भी श्रद्धालु दिखाई नहीं दे रहा है. स्थानीय लोगों की अगर माने तो उनका कहना है, कि सावधानी न केवल लोगों का जान माल का नुकसान किया है, बल्कि कारोबार भी पूरी तरह से ठप कर दिया है.
गंगोत्री में नहीं दिख रहे लोग
गंगोत्री धाम में ऐसा नजारा कभी देखने को नहीं मिला जैसा इस बार देखने को मिल रहा है, यहां पर लोग दिखाई नहीं दे रहे हैं, अपने कारोबार बंद कर लोग अपने घरों को चले गए हैं और दुकानों में ताले लगे हैं.
आपदा ने लोगों को कई तरह से तोड़कर रख दिया है, राज्य सरकार अपनी पूरी कोशिश तो कर रही है, लेकिन इस आपदा से उभरने में यहां के स्थानीय लोगो को लंबा वक्त लगेगा.
धराली से हर्षिल पैदल मार्ग अभी तक खराब
अभी धराली गांव ओर हर्षिल जाने का पैदल मार्ग ठीक नहीं हो पाया है उसके चलते जो मदद यहां के स्थानीय लोगों को मिलनी चाहिए थी वह मदद अभी तक नहीं मिल पाई है. उम्मीद जताई जा रही है अगले 1 से 2 दिन में यहां तक पहुंचाने के सभी रास्ते सुचारु कर दिए जाएंगे इसके बाद राहत बचाव कार्य तेजी से हो पाएगा लेकिन फिलहाल कि अगर बात करें तो यहां गंगोत्री धाम में एक तरह का सन्नाटा बरपा हुआ है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए हैं. वहीं आपदा प्रभावित इलाके में हालातों को सुधारने और लापता लोगों को निकालने के अथक प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं राहत बचाव दल की तरफ से इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. रोज वहां से श्रद्धालुओं और मलबे में दबे लोगों को ढूंढ कर निकला जा रहा है.
धराली में आई आपदा के बाद कारोबार पूरी तरह ठप, गंगोत्री धाम में सन्नाटा, दुकानों पर लगे ताले
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