‘धर्मस्थल’ मामला: सुप्रीम कोर्ट ने अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

by Carbonmedia
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सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में धर्मस्थल के धर्माधिकारी डी. वीरेंद्र हेगड़े के भाई से जुड़े मामलों में मीडिया में रिपोर्टिंग पर रोक लगाने संबंधी अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
सार्वजनिक रूप से रिपोर्टों को किसी तीसरे अनधिकृत पक्ष के साथ साझा करने या खुलासा करने पर रोक लगाने से संबंधी अदालत का यह आदेश राज्य के दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल में महिलाओं की कथित हत्या की खबरों से संबंधित था.
एक स्थानीय अदालत के एकपक्षीय अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर याचिका में उस निर्देश की वैधता पर सवाल उठाया गया है, जिसमें 390 मीडिया संस्थानों को धर्मस्थल दफन मामले से जुड़े लगभग 9,000 लिंक और खबरें हटाने का निर्देश दिया गया था.
मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस जे. बागची की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्होंने हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘आप पहले हाईकोर्ट जाइए.’
निचली अदालत ने यह आदेश श्री मंजूनाथस्वामी मंदिर संस्थाओं के सचिव हर्षेंद्र कुमार की ओर से दायर मानहानि के मुकदमे में पारित किया था. कुमार ने कथित रूप से झूठी और अपमानजनक सामग्री के ऑनलाइन प्रसार को उजागर किया था, जबकि किसी भी प्राथमिकी में उनके या मंदिर अधिकारियों के खिलाफ कोई विशेष आरोप नहीं थे.
हाल में कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने जोर देकर कहा था कि धर्मस्थल में महिलाओं की कथित हत्या के संबंध में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले गहन जांच होनी चाहिए. इससे पहले, राज्य सरकार ने आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था.
धर्मस्थल मंदिर दफन मामले के संबंध में धर्मस्थल धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े के भाई हर्षेंद्र कुमार डी. के खिलाफ किसी भी अपमानजनक सामग्री के प्रकाशन पर रोक लगाने वाले बेंगलुरु की अदालत के आदेश के खिलाफ यूट्यूब चैनल ‘थर्ड आई’ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

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