Abu Azmi News: महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ‘नफरत के खिलाफ बिल’ लेकर आए हैं, जिसमें धर्म, ग्रंथ और महापुरुष का अपमान करने वालों को 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. अबू आजमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी देते हुए लिखा है कि उन्होंने यह ‘महत्वपूर्ण प्राइवेट मेंबर बिल’ महाराष्ट्र विधानसभा के प्रधान सचिव के सामने पेश किया है, जिसे मानसून सत्र में रखने की मांग की गई है.
अबू आजमी ने एक्स पर लिखा कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिये धर्मों के खिलाफ ज़हर फैलाने वालों पर कड़ा कानून बनाना अब समय की ज़रूरत है. इसके लिए धर्म, धर्मग्रंथ, धर्मस्थल और धार्मिक महापुरुषों के अपमान और नफ़रत को रोकने के लिए विधेयक 2025 प्रधान सचिव के सामने पेश किया गया है.
आज मैंने नफरत के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्राइवेट मेंबर बिल महाराष्ट्र विधानसभा के प्रधान सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया है जिसे आगामी मानसून सत्र में लाने की मांग सपा ने की है। 🔴 धर्म, धर्मग्रंथ, धर्मस्थल और धार्मिक महापुरुषों के अपमान और नफ़रत को रोकने हेतु विधेयक – 2025. 🔴 सोशल… pic.twitter.com/sYqalTgc6i
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) June 18, 2025
अबू आजमी ने इस बिल में कई प्रावधान किए हैं, जैसे-यह विधेयक हर धर्म की पवित्रता, हर ग्रंथ की गरिमा, और हर श्रद्धा के सम्मान को सुरक्षित रखने के लिए है.इस बिल में ऐसे अपराधों पर 7 से 10 साल की सजा और 2 लाख रुपये से आजीवन कारावास तक का प्रावधान किया गया है.यह कानून सभी धर्मों और आस्थाओं को बराबर सम्मान देने के संवैधानिक अधिकार को मज़बूत करता है.
‘नफरत फैलाने वालों की महाराष्ट्र में कोई जगह नहीं’- अबू आजमीइसी के साथ अबू आजमी ने अपने पोस्ट में लिखआ है, “सपा का स्पष्ट संदेश है– धार्मिक नफ़रत फैलाने वालों के लिए राज्य में कोई जगह नहीं! हमें उम्मीद है की महाराष्ट्र सरकार सिर्फ सत्ता का ना सोचते हुए कम से कम राज्य की कानून और न्याय व्यवस्था के लिए इस प्रस्ताव पर ज़रूर विचार करेगी.”