धामी सूझवान नेता, धार्मिक मसलों के समाधान में पूरी तरह सक्षम : गौहर

by Carbonmedia
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भास्कर न्यूज | अमृतसर तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर-ए-मस्कीन ने कहा है कि एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के प्रधान पद के कार्यकाल को शिरोमणि कमेटी का स्वर्णिम काल कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। जत्थेदार गौहर ने आज जारी ब्यान में कहा कि एडवोकेट धामी के कार्यकाल के दौरान शिरोमणि कमेटी ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। एडवोकेट धामी एक शिक्षित, बुद्धिमान, मिलनसार और दूरदर्शी पंथ सेवक हैं, जिनकी योग्यता के कारण शिरोमणि अकाली दल ने उन्हें शिरोमणि कमेटी की सेवा सौंपी थी। आज उनकी दूरदर्शिता का परिणाम यह है कि पंजाब के कई छात्र सिविल सेवाओं के लिए अध्ययन कर रहे हैं और जल्द ही इनमें से कई छात्र उच्च पदों पर नियुक्त होंगे। धामी की दूरदर्शी सूझवान प्रतिभा का ही नतीजा है कि उनके कारण 6 जून को आपरेशन ब्लू स्टार की 41 वीं बरसी पर विभिन्न संगठनों व एसजीपीसी में टकराव टल गया । जत्थेदार गौहर-ए-मस्कीन ने कहा कि एडवोकेट धामी का नेतृत्व केवल गुरु की अपार कृपा से ही मिल सकता है। जत्थेदार गौहर ने कहा कि पंथ की उन्नति के लिए एडवोकेट धामी की सेवाएं बतौर पूर्व प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ की तरह लंबे समय तक जारी रहनी चाहिए । शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व के बारे में बात करते हुए जत्थेदार गौहर ने कहा कि जब सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त साहिब में हाजिरी देकर अपनी सेवा पूरी कर चुके हैं तो अब उन पर किसी भी तरह की टिप्पणी करना उचित नहीं है। जो लोग आज बादल के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं, वे भूल गए हैं कि सुखबीर सिंह बादल ने ही उन्हें लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की सीढ़ियां चढ़ाई हैं। यदि पार्टी पहले भी चुनाव हार चुकी है तो इसका मतलब यह नहीं है कि सुखबीर सिंह बादल में नेतृत्व क्षमता कम है। यदि बादल को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि पार्टी उनके नेतृत्व में लड़े गए चुनाव हार गई तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस भी कई बार चुनाव हार चुकी है

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