भास्कर न्यूज | जालंधर डीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने बेरोजगारी खत्म करने और युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कौशल विकास कोर्स के तहत पहलकदमी करने पर जोर दिया। ग्रामीण विकास एवं स्व-रोजगार प्रशिक्षण (रूडसेट) संगठन की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी अग्रवाल ने सभी विभागों को विभिन्न योजनाओं और प्रोग्रामों का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए बेहतर समन्वय के साथ काम करने को कहा है। रूडसेट संस्थान को मॉडल नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में नशे की लत से पीड़ित युवाओं को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए नए प्रशिक्षण कोर्स पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कौशल विकास प्रोग्राम इन युवाओं के लिए नई उम्मीद की किरण हैं। इसके माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर वह सम्मान के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकेंगे। उन्होंने रोजगार विभाग को कुशल युवाओं को स्व-रोजगार या नौकरियों के माध्यम से उचित प्लेसमेंट सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। रूडसेट संस्थान के डायरेक्टर संजीव कुमार चौहान ने त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कि कहा कि हाल ही में 36 प्रशिक्षण प्रोग्राम आयोजित किए गए हैं, जिनमें 1000 युवाओं ने लाभ उठाया है और 709 युवाओं ने नौकरी या स्व-रोजगार शुरू किया है। संस्थान की स्थापना के बाद से 503 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। इस दौरान 13000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है। डीसी ने रोजगार के लिए उद्योगों की मांग के अनुसार नए कोर्स शुरू करने के लिए भी कहा। मीटिंग में एडीसी अमनिंदर कौर, बुद्धि राज सिंह, एलडीएम एमएस मोती, सचिव रेड क्रॉस सोसायटी सुरजीत लाल और रोजगार विभाग और पंजाब कौशल विकास मिशन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। मीटिंग में मौजूद डीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल, एडीसी अमनिंदर कौर।
नशा मुक्ति व पुनर्वास केंद्रों में नशे से प्रभावित युवाओं के लिए कौशल विकास कोर्स शुरू करने के दिए निर्देश
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