भास्कर न्यूज | लुधियाना विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर दयानंद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) के सामुदायिक चिकित्सा विभाग ने मेडिकल छात्रों को तंबाकू और निकोटीन से दूर रहने का संकल्प दिलाते हुए शहर में जागरूकता फैलाई। कार्यक्रम नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देशों पर आयोजित हुआ। डीएमसीएच तंबाकू मुक्त भारत के लिए मेडिकल कॉलेजों के संघ का हिस्सा है, जिसे पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ स्थित तंबाकू नियंत्रण संसाधन केंद्र द्वारा संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान डीएमसी एंड एच मैनेजिंग सोसाइटी के सचिव बिपिन गुप्ता ने इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि कॉलेजों को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करना चाहिए। प्रिंसिपल डॉ. जीएस वांडर ने छात्रों को न केवल खुद तंबाकू मुक्त रहने, बल्कि परिसर और अस्पताल को भी नशा मुक्त बनाने में भागीदार बनने को कहा। डीन अकादमिक डॉ. संदीप कौशल ने उपस्थित सभी को सिगरेट, धुआं रहित तंबाकू, गर्म तंबाकू उत्पाद, ई-सिगरेट और हुक्का (शीशा) से दूर रहने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि युवाओं को इन उत्पादों से बचना चाहिए और दूसरों को भी जागरूक करना चाहिए। सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. अनुराग चौधरी ने इस वर्ष की थीम पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तंबाकू कंपनियां बच्चों और छात्रों को निशाना बनाकर नशे की लत में फंसा रही हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए उद्योग की रणनीतियों को उजागर करना जरूरी है। विभाग के स्नातकोत्तर छात्रों ने ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र, पोहिर और शहरी स्वास्थ्य केंद्र, शिमलापुरी में विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किए। इसके अलावा, बैच-2022 के छात्रों ने स्कूल और कॉलेजों में ई-सिगरेट व वेपिंग की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए नाटक प्रस्तुत किया। यह प्रस्तुति अस्पताल के प्रतीक्षालय और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को भी दिखाई गई। नाटक के माध्यम से दिया गया मुख्य संदेश था तंबाकू से दूर रहो, जीवन को सुरक्षित रखो।
नशे के खिलाफ छात्र बोले- निकोटीन नहीं, स्वच्छ सांसें चाहिए
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