नारनौंद के खेतों में जलभराव, किसानों का विरोध:धान की फसल डूबी, गेहूं की बुआई पर संकट, एक सप्ताह का अल्टीमेटम

by Carbonmedia
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हिसार जिले के नारनौंद क्षेत्र के बास और आसपास के क्षेत्रों में बरसात के बाद खेतों में भरे पानी की निकासी न होने से किसानों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। किसानों ने सिंचाई विभाग और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। खेतों में 2 से 3 फुट तक भरा पानी किसानों का कहना है कि भारी बारिश के बाद खेतों में 2 से 3 फुट तक पानी भरा हुआ है। इससे धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। पानी भरे होने के कारण दोबारा धान की रोपाई भी संभव नहीं है। लगातार जलभराव से जमीन की उर्वरा शक्ति भी प्रभावित हो रही है। किसान बोले-प्रशासन को पहले से भनक थी किसान नेताओं सुरेंद्र मोर, शिवनारायण, रणबीर मोर सहित अन्य का कहना है कि यह समस्या नई नहीं है। प्रशासन को पहले से जानकारी थी। फिर भी न तो नालों की सफाई हुई और न ही पानी निकासी के लिए पंप लगाए गए। अब आशंका है कि अगर समय रहते पानी की निकासी नहीं हुई, तो रबी सीजन में गेहूं की बुआई भी प्रभावित होगी। मशीनों से पानी की निकासी करने की मांग किसानों ने प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया है। उनकी मांग है कि जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान कर मशीनों से पानी निकासी की व्यवस्था की जाए। किसानों ने चेतावनी दी है कि समाधान नहीं होने पर वे उग्र आंदोलन करेंगे। इस विरोध प्रदर्शन से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। अब देखना होगा कि विभागीय अधिकारी इस गंभीर मुद्दे को कितनी तत्परता से सुलझाते हैं।

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