हिसार में बास क्षेत्र के गांव उगालन से आने वाली ड्रेन टूटने से बडाला गांव में संकट गहरा गया है। करीब 500 एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। खेतों में खड़ी धान की फसल को भारी नुकसान का खतरा है। सिंचाई विभाग ने बुधवार को जेसीबी मशीन से ड्रेन की साइड में मिट्टी डालकर पानी रोकने का प्रयास किया। ग्रामीणों का कहना है कि ड्रेन में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। अगर एक-दो दिन में स्थिति नहीं सुधरी तो पूरा गांव पानी की चपेट में आ सकता है। किसान जोगेंद्र, अनूप भांभू, विजय फौजी समेत कई लोगों ने बताया कि लगभग 100 एकड़ धान की फसल पूरी तरह डूब चुकी है। उनका आरोप है कि बारिश से पहले सिंचाई विभाग ने ड्रेन की सफाई नहीं करवाई। ड्रेन को पाटकर पानी की निकासी की मांग इसी कारण पानी का बहाव रुका और दबाव बढ़ने से ड्रेन टूट गई। किसानों ने ड्रेन को पाटकर पानी की निकासी की मांग की है। साथ ही फसल के नुकसान का उचित मुआवजा देने की अपील की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि प्रशासन के जल्द कदम न उठाने पर वे आंदोलन करेंगे। प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीण अब खुद मोर्चा संभालने की तैयारी कर रहे हैं।
नारनौंद में ड्रेन टूटने से 500 एकड़ खेत जलमग्न:गांव में बाढ़ जैसे हालात, ग्रामीण बोले-बारिश से पहले विभाग ने नहीं करवाई सफाई
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