हरियाणा के नारनौल में राजस्थान के जोधपुर से शुरू हुई रेजांगला शहीद सम्मान यात्रा पहुंची। यात्रा के पहुंचने पर यादव कल्याण सभा में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर पूर्व मंत्री विधायक ओमप्रकाश यादव मुख्य अतिथि रहे। यह यात्रा लद्दाख के अहीरधाम तक जाएगी। राजस्थान के जोधपुर से चली लगभग 6500 किलोमीटर लंबी रेजांगला पराक्रम यात्रा के सदस्यों का नारनौल पहुंचने पर पूर्व मंत्री ओम प्रकाश यादव ने गर्म जोशी से स्वागत किया। इस मौके पर रेजांगला युद्ध के दौरान एकमात्र जीवित योद्धा कप्तान रामचंद्र यादव व शहीद परिवार के सदस्यों का पूर्व मंत्री ओम प्रकाश यादव ने स्मृति चिन्ह एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि शहीदों की बदौलत ही हम अमन चैन की सांस ले रहे हैं। शहीद व्यक्ति विशेष का न होकर सबका होता है। देश के इतिहास की अमर गाथा यादव ने कहा कि रेजांगला के शहीदों की जीवनी की देश के इतिहास में अमर गाथा है। 1962 के भारत चीन युद्ध में 18 नवंबर को लद्दाख की चुशूल घाटी में रेजांगला दर्रे पर यह लड़ाई लड़ी गई। इस लड़ाई में 13 कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी के 120 जवानों ने जो ज्यादा कर अहीरवाल क्षेत्र के थे। इन 120 जवानों ने 5000 से अधिक चीनी सैनिकों का बड़े मजबूती से मुकाबला करते हुए उन्हें मिट्टी में मिला दिया। रेजांगला की लड़ाई में अहीरवाल क्षेत्र के रेवाड़ी, गुड़गांव व महेंद्रगढ़ जिलों के सैनिक थे। गुड़गांव व रेवाड़ी में हैं स्मारक कंपनी कमांडर मेजर शैतान सिंह को भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। रेजांगला के शहीदों की याद में रेवाड़ी और गुड़गांव में स्मारक बनाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि हर साल 18 नवंबर को रेजांगला दिवस मनाया जाता है। जिसमें शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती और उनकी वीरता के लिए उन्हें याद किया जाता है।
नारनौल पहुंची जोधपुर से चली हुई रेजांगला शहीद सम्मान यात्रा:लेह-लद्दाख तक जाएगी यात्रा, विधायक ओमप्रकाश ने किया सदस्यों का स्वागत
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