नारनौल में एक घंटे ठप रही स्वास्थ्य सेवाएं:जियो बेस्ड अटेंडेंस मेनेजमेंट सिस्टम के विरोध में डाक्टर व कर्मचारी रहे हड़ताल पर

by Carbonmedia
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हरियाणा के नारनौल में आज जियो बेस्ड अटेंडेंस मेनेजमेंट सिस्टम के विरोध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तालमेल कमेटी हरियाणा के आह्वान पर विभाग में कार्यरत सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा एक घंट कार्य बहिष्कार किया गया। इस दौरान नागरिक अस्पताल नारनौल की आपातकालीन सेवाओं के अतिरिक्त सभी सेवाएं बंद रही। इससे मरीजों को दिनभर काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान नेत्ररोग ओपीडी, शिशु ओपीडी, नाक कान गला ओपीडी, वरिष्ठ नागरिक ओपीडी, सर्जरी ओपीडी., लैबोरेटरी, एक्सरे वगैरह सभी पूर्ण रूप से बन्द रही। सभी चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी अपने-अपने कार्यस्थलों को छोड़कर नागरिक अस्पताल नारनौल में ही मीटिंग में उपस्थित हुए। मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डा. जगमोहन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की सभी यूनियनों की तरफ से भी पहले जियो बेस्ड अटेंडेंस मेनेजमेंट सिस्टम के निर्णय को वापिस लेने की मांग को लेकर सरकार व विभाग के उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भेजे जा चुके हैं। गत 28 जुलाई को सभी जिलों में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा काले बिल्ले लगाकर आदेशों को वापिस लेने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद भी उक्त अव्यवहारिक आदेश को वापिस नहीं लेने के विरोधस्वरूप आज एक घंटे कार्य का बहिष्कार एवं रोष प्रदर्शन के उपरान्त सरकार से पुनः अपील करते हैं कि इस गैर कानूनी निर्णय को तुरन्त प्रभाव से वापिस लिया जाए। अनुबन्धित स्वास्थ्य कर्मचारी संघ (एचकेआरएल) के प्रदेशाध्यक्ष भूपेश पालीवाल ने बताया कि जब स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत तमाम अधिकारी/कर्मचारी पहले ही बायो मैट्रिक आधारित अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं तो जियो बेस्ड अटेंडेंस मेनेजमेंट सिस्टम के तहत उपस्थिति दर्ज करवाने का कोई औचित्य नहीं बनता है। एमपीएचई एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष धर्मबीर यादव कहा कि कोरोना महामारी इस बात की गवाह है कि जब पूरा देश इस महामारी से जूझ रहा थी और जनता घर से बाहर नहीं निकल रही थी तब स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान पर खेलकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए तत्पर था। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ (एनएचएम) के जिला अध्यक्ष डा. पुष्पेंन्द्र ने बताया कि मोबाइल ऐप से व्यक्तिगत संवेदनशील डाटा तक अनधिकृत पहुंच, साइबर धोखाधड़ी और डेटा के दुरूपयोग के खतरे को बढ़ाता है। जिले का कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी जियो बेस्ड अटेंडेंस मेनेजमेंट सिस्टम एप के लिए अपना डाटा सांझा नहीं करेगा। लैब टैक्निशयन एसोसिएशन से जिला उप प्रधान औम प्रकाश ने बताया कि कर्मचारी को मोबाइल डाटा एप्लीकेशन के आधार पर ट्रेक किया जाएगा, जोकि निजता के अधिकार का उल्लंघन है। उपरोक्त मामले में माननीय सर्वोच्चय न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार किसी भी व्यक्ति को निजता का भी मौलिक अधिकार का दर्जा दिया गया है।

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