हरियाणा के नारनौल में डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाले ड्राइवरों ने आज विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी। इससे शहर में कचरे का उठान नहीं हुआ। जिससे शहरवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं शहर में अनेक जगह कचरे के ढेर लग गए। हड़ताल के चलते सभी कर्मचारी नप कार्यालय में भी एकत्र हुए। नगर परिषद की ओर से शहर में डोर-टू-डोर मकानों व दुकानों से कचरा उठाने के लिए एक कंपनी को ठेका दिया हुआ है। जिसके चलते शहर में करीब 50 टेंपो व ट्रैक्टरों द्वारा शहर में कचरे के उठान का कार्य किया जाता है। मगर आज शहर में टेंपो व ट्रैक्टर चलाने वाले ड्राइवरों ने हड़ताल कर दी। जिसके चलते सुबह से ही शहर में कचरे का उठान नहीं हुआ। इस बारे में नगर परिषद में ठेके पर लगे कर्मचारियों का कहना है कि नप ने सोना इंटरप्राइजेज को शहर में कूड़े उठाने का ठेका दिया हुआ है। इस एजेंसी में 50 ड्राइवर हैं वहीं अन्य कर्मचारी भी लगे हुए हैं। कंपनी के द्वारा कर्मचारियों का शोषण किया जाता है। ड्राइवर को 12 हजार रुपए वेतनमान दिया जाता है, उसमें से 1100 व 1000 रुपए ईपीएफ के कंपनी काट लेती है। जिसकी कर्मचारियों को कोई जानकारी नहीं है कि कंपनी ईपीएफ जमा करवाती है या नहीं। इसलिए उनकी मांग है कि सभी कर्मचारियों को कम से कम डीसी रेट का वेतन दिया जाए। मेंटेनेंस का खर्चा वसूलता ठेकेदार वहीं कूड़े उठाने वाले ड्राइवरों के वेतन से ही कंपनी गाड़ी में हुई खराबी या मेंटेनेंस का खर्चा भी काट लेती है, जबकि ड्राइवर कंपनी के नाम बिल लेकर आते हैं। ऐसे में कंपनी ड्राइवरों के साथ अन्याय कर रही है। वहीं जब भी कर्मचारी उसके साथ हो रहे शोषण का जिक्र करता है तो उसको हटाने की धमकी दी जाती है। ज्ञापन भी देंगे ड्राइवरों ने बताया कि वे इस बारे में एक लिखित ज्ञापन भी ईओ को देंगे। जिसमें उनकी उक्त मांगों को रखा गया है तथा कहा है कि अगर ड्राइवर अपनी जेब से ही मेंटेनेंस का खर्चा देगी तो उसको भारी आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करन पड़ेगा।
नारनौल में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाले ड्राइवर हड़ताल पर:कंपनी पर लगाए मनमानी के आरोप, शहर से नहीं हुआ कचरे का उठान
5