हरियाणा के नारनौल में कोरियावास स्थित मेडिकल कॉलेज के नामकरण को लेकर सोमवार को एक संयुक्त पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के प्रमुख सामाजिक संगठनों, जातीय प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।
इस मौके पर एक स्वर में कॉलेज का नाम महर्षि च्यवन चिकित्सा महाविद्यालय बनाए रखने की पुरजोर मांग रखी गई।
पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए इतिहास एवं संस्कृति संरक्षण संघ के जिलाध्यक्ष मनीष वशिष्ठ एडवोकेट, अग्रवाल सभा अध्यक्ष महेन्द्र बंसल, प्रजापत समाज अध्यक्ष संतलाल प्रजापत व सैनी समाज अध्यक्ष बलबीर सैनी ने कहा कि यह मेडिकल कॉलेज च्यवन ऋषि जैसे वैदिक आयुर्वेदाचार्य के नाम पर होना चाहिए, जिन्होंने ढोसी पर्वत की तपोभूमि पर तपस्या कर आयुर्वेद और योग को अमर किया। नाम बदला तो होगा विरोध सभी वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि कॉलेज का नाम महर्षि च्यवन चिकित्सा महाविद्यालय कोरियावास ही रहना चाहिए। यदि सरकार इसे बदलने की कोशिश करती है, तो विरोध होगा। इसके लिए व्यापक जनसमर्थन जुटाने हेतु हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जाएगा। जिले के बाहर की जातिगत व सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। यदि नाम बदलने की कोई राजनीतिक साजिश हुई तो, कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा जरूरत पड़ी तो हरियाणा विधानसभा में विशेष अनुमति लेकर यह मुद्दा उठाया जाएगा। यदि हालात मजबूर करते हैं, तो क्षेत्रीय जनता व संस्थाएं शांतिपूर्ण आंदोलन भी करेंगी। सभी प्रतिनिधियों ने कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार का जातीय वैमनस्य फैलाने का प्रयास सफल नहीं होने दिया जाएगा। च्यवन ऋषि चिकित्सा परंपरा के प्रतीक
उन्होंने कहा कि ढोसी पर्वत न सिर्फ आध्यात्मिक भूमि है, बल्कि भारत की वैदिक चिकित्सा परंपरा की जन्मस्थली भी है। च्यवनप्राश जैसी औषधियों की उत्पत्ति इसी स्थान से जुड़ी मानी जाती है। ऐसे में इस संस्थान का नाम महर्षि च्यवन के नाम पर रहना हरियाणा की सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक होगा। उन्होंने अंत में कहा कि शहीद हमारे गौरव हैं, तो महर्षि भी हमारे पूज्य हैं।
नारनौल में मेडिकल कालेज के नाम पर विवाद गहराया:कई संस्थाओं ने कहा, महर्षि च्यवन ऋषि ही नाम रहने दे सरकार
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