हरियाणा के नारनौल में बने महर्षि च्यवन ऋषि मेडिकल कॉलेज में इस बार एमबीबीएस तथा बीडीएस में दाखिले होंगे या नहीं। इस पर अभी तक संशय बना हुआ है। चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) ने एमबीबीएस में दाखिले की पहली काउंसलिंग के लिए अंतिम सीट मैट्रिक्स जारी कर दी है। जिसमें इस कॉलेज का नाम शामिल नहीं है। इसके अलावा जींद, भिवानी और यमुनानगर आदि में नए बने मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कॉलेजों का नाम भी लिस्ट में नहीं है। अब संभावना लगाई जा रही है कि स्टेट द्वारा जारी काउंसलिंग लिस्ट में नारनौल के कॉलेज का नाम हो सकता है। नारनौल के पास गांव कोरियावास में करीब 750 करोड़ रुपए की लागत से महर्षि च्यवन ऋषि मेडिकल कॉलेज बना है। इस मेडिकल कॉलेज में एक मई से ओपीडी सेवाएं शुरू हो गई थी। यहां पर 800 बेड का अस्पताल बनाया गया है। जिसके शुरू होने से न केवल जिला महेंद्रगढ़, बल्कि राजस्थान के गांवों व कस्बों के लोगों को भी फायदा होगा। सरकार यहां पर डाक्टरों की नियुक्ति भी लगातार कर रही है। वहीं इसकी बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। नाम पर चल रही राजनीति इस मेडिकल कालेज के नाम पर भी राजनीति चल रही है। सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज का नाम महर्षि च्यवन ऋषि मेडिकल कॉलेज रखा है। वहीं गांव कोरियावास इस मेडिकल कॉलेज का नाम शहीद राव तुलाराम के नाम पर करवाना चाहते हैं। जिसके लिए ग्रामीणों ने करीब दो महीने मेडिकल कॉलेज के बाहर धरना भी दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने दिया हुआ है आश्वासन नारनाैल के कोरियावास गांव में बने मेडिकल कॉलेज का इंस्पेक्शन करने के लिए करीब 15 दिन पूर्व स्वास्थ्य मंत्री आरती राव आई थी। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि इस मेडिकल कॉलेज में इस बार से एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू होने की पूरी संभावनाएं हैं। इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। कांग्रेस नेता ने की मांग कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अधीक्षण अभियंता राव सुखबिंदर सिंह ने लगाते हुए कहा है कि नारनौल का कोरियावास मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो चुका है और ओपीडी भी शुरू हो चुकी है, किन्तु सरकार की इच्छा शक्ति के अभाव में इस कॉलेज में इस वर्ष भी एमबीबीएस कक्षाएं शुरू होने की संभावना समाप्त हो गई है। क्योंकि एमसीसी द्वारा जारी सीट मैट्रिक्स में प्रदेश के केवल 6 मेडिकल कॉलेजों की ही सीट दिखाई हैं। इनमें भक्त फूलसिंह मेडिकल कॉलेज, खानपुर कलां (सोनीपत), कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, करनाल, पीजीआई, रोहतक, शहीद हसनखां मेवाती मेडिकल कॉलेज, नलहर (मेवात), अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज, छांयसा (फरीदाबाद) और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद शामिल हैं।
नारनौल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस दाखिले को लेकर संशय:चिकित्सा परामर्श समिति काउंसलिंग की अंतिम सीट मैट्रिक्स में नहीं है नाम
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