हरियाणा के नारनौल स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बीती देर रात को राजस्थान के सिंघाना के गांव शिमला में छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान टीम ने भ्रूण जांच करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया। वहीं टीम ने इस मामले में तीन लोगों को पकड़ा है, जबकि एक फरार हो गया। इस कार्रवाई में राजस्थान की टीम भी साथ रही। स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिल रही थी कि हरियाणा की गर्भवती महिलाओं को राजस्थान ले जाकर अवैध रूप से लिंग परीक्षण किया जा रहा है। जिसके तहत विभाग ने एक टीम बनाई, जिसमें राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी साथ लिया गया। छापेमारी को ज़िला नोडल अधिकारी डॉ विजय कुमार यादव तथा लिपिक प्रवीन द्वारा अंजाम दिया गया। जिसमें हरियाणा पुलिस तथा राजस्थान पुलिस का सक्रिय सहयोग रहा। पहले बुलाया बदोपुर, फिर शिमला टीम को प्राप्त सूचना के अनुसार अमित नामक व्यक्ति द्वारा एक गर्भवती महिला को लिंग परीक्षण के लिए हरियाणा के गांव बदोपुर बुलाया गया था। उसके द्वारा एक फिक्सर के माध्यम से गांव शिमला, ज़िला झुंझुनूं में जांच की व्यवस्था की गई थी। जांच के एवज में 50 हजार रुपए की मांग की गई थी। इस दौरान एक महिला को डिकॉय ग्राहक के रूप में टीम के साथ भेजा गया। पकड़े गए आरोपियों में रामनगर अलवर निवासी भरतलाल पुत्र प्यारेलाल, भैसावता निवासी रवि सिंह पुत्र मानसिंह, अचिणा चरखी दादरी निवासी उमेश पुत्र महेन्द्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया। एक आरोपी भागा अमित शर्मा मौके से भागने में कामयाब हो गया। इन पर पीसी-पीएनडीटी अधिनियम की धारा 3,4,5,6, 29 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 318 व 61 बीएनएस के तहत कार्यवाही की गई है। आरोपियों को मौके से गिरफ़्तार कर लिया गया तथा निकॉन कूलपिक्स कैमरा, मोबाइल फ़ोन, टैबलेट, लैपटॉप एवं अन्य सामान सहित ज़ब्त कर लिया गया। टीम ने आरोपियों से 26 हजार रुपए भी बरामद किए। डिकॉय पेशेंट को बताया, गर्भ में है लड़की डिकॉय ग्राहक के रूप में भेजी गई महिला से रवि ने जांच उपरांत यह बताया कि गर्भ में लड़की पल रही है। यह स्पष्ट रूप से पीसी-पीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने महिला से गर्भपात करवाने के लिए भी मौखिक रूप से सहमति जताई और इसके लिए 20 हजार रुपए की मांग की। पीसीपीएनडीटी टीम ने सभी आरोपियों को पकड़ा, जिसकी सूचना ज़िला झुंझुनूं की पीसीपीएनडीटी टीम को दी गई और उन्होंने भी नारनौल टीम का साथ देते हुए कार्यवाही की। रवि पर पहले चार केस टीम को यह भी पता चला कि यह गिरोह कई वर्षों से राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलिप्त है। रवि पर राजस्थान में 4 मुकदमे भी दर्ज बताए जा रहे है। ये बोले सिविल सर्जन सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार ने बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक संवेदनशील सामाजिक मिशन है, जिसे हम पूरी निष्ठा से लागू कर रहे हैं। हरियाणा सरकार का स्वास्थ्य विभाग इस तरह की अवैध गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए विभिन्न स्रोतों से सूचनाएं संकलित कर कार्यवाही कर रहा है। उन्होंने बताया कि ज़िला स्तर पर गठित पीसीपीएनडीटी निरीक्षण टीमें नियमित रूप से निगरानी करती हैं। ये रहे मौजूद इस अभियान में विजय कुमार यादव, (नोडल अधिकारी, पीसीपीएनडीटी), नारनौल, प्रवीन, लिपिक, पीसीपीएनडीटी, नारनौल, डॉ० दयानंद सिंह, नोडल अधिकारी, पीसीपीएनडीटी, झुंझुनू, डा. आनंद, ज़िला पीएनडीटी समन्वयक, झुंझुनू,स्थानीय पुलिस टीम, झुंझुनू एवं नारनौल की सराहनीय रही भूमिका रही।
नारनौल स्वास्थ्य विभाग की टीम का राजस्थान में छापा:भ्रूण लिंग जांच करते हुए तीन को पकड़ा, एक फरार, चला रहे थे गिरोह
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