निजी-सिखी के पेड़ से डॉलर कमा रहा बागवान:यूपी से शुगर-फ्री नाशपती लेकर आया; इजराइल की वैराइटी; डायबिटीज-डेंगू-मलेरिया में फायदेमंद

by Carbonmedia
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कहते हैं पेड़ पर पैसे नहीं उगते, मगर यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के किसान ने इस कहावत को गलत साबित कर दिखाया है। मोहम्मद साजिद ने ऐसा पेड़ लगाया, जिससे पैसे ही नहीं बल्कि डॉलर झड़ रहे हैं। इस पेड़ के सुपर फ्रूट को लेकर मोहम्मद हरियाणा पहुंचे थे। यह फल दुबई, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में एक्सपोर्ट किया जा रहा है। विदेशों में यह सुपर फ्रूट 600 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, जबकि भारत में 250 से 300 रुपए में बिकता है। दरअसल, कुरुक्षेत्र में इंडो-इजराइल सब ट्रॉपिकल सेंटर लाडवा में 3 दिवसीय राज्यस्तरीय फ्रूट फेस्टिवल का आयोजन किया गया था। इसमें मुजफ्फरनगर के बागवान मोहम्मद साजिद इजराइल की नाशपाती की निजी-सिखी वैराइटी लेकर आए थे। इस सुपर फ्रूट की खासियत सुनकर हर कोई हैरान रह गया। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने भी नाशपाती का स्वाद चखा। देश-विदेश में डिमांड मोहम्मद साजिद के मुताबिक, इस नाशपाती की डिमांड देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी जबरदस्त है। आमतौर पर हमारे देश में नाशपाती की देसी वैराइटी 10 से 20 रुपए प्रति किलो बिकती है। हालांकि बब्बू कोसा वैराइटी का रेट थोड़ा ज्यादा है, लेकिन बब्बू कोसा की वैराइटी नाशपाती से अलग होती है। 40 हजार की कमाई साजिद ने बताया कि आज से करीब 10 साल पहले उसने निजी-सिखी नाशपाती के पेड़ लगाकर बागवानी शुरू की थी। शुरुआत में मेहनत बहुत लगी, लेकिन अब एक-एक पेड़ 200 किलो तक फल दे रहा है। एक पेड़ से करीब 40 हजार रुपए की कमाई हो रही है। उनके पास करीब 200 पेड़ हैं, जिनसे सीजन में हर साल 5 से 6 लाख रुपए की आमदनी हो रही है। 3 साल में देगा फल निजी-सिखी नाशपाती का पौधा 250 रुपए में मिलता है। करीब 3 साल में पौधा फल देने लगता है। निजी-सिखी नाशपाती इंडिया में 250 से 300 रुपए प्रति किलो बिकती है, जबकि विदेशों में डबल रेट यानी 600 रुपए प्रति किलो के रेट पर बिकती है। उनका माल पहले चंडीगढ़ की मंडी जाता है। वहां से पैक होकर दुबई, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में एक्सपोर्ट होता है। सेहत का खजाना ये सुपर फ्रूट स्वाद में ही नहीं, बल्कि सेहत का भी खजाना है। ये नाशपाती दिखने में अलग और स्वाद बेहद खास है। शुगर फ्री होने के कारण डायबिटीज के मरीज भी इसका स्वाद ले सकते हैं। इसके अलावा यह डेंगू-मलेरिया में काफी फायदेमंद है। सेंटर में कई पेड़
लाडवा के सब ट्रॉपिकल सेंटर में निजी-सिखी नाशपाती वैराइटी के कई पेड़ लगे हुए हैं। इसके फल पर कई तरह की रिसर्च भी चल रही है। कई लोग इसका जूस निकाल कर पी रहे हैं। इससे शरीर को ठंडक मिलती है। यही वजह है कि गर्मी में इसकी मार्केट में ज्यादा मांग है।

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